शहडोल: अवैध खनन के कारण धनगवां अहिरान मोहल्ला में एक दंपत्ति की मौत हो गई, जिससे उनका परिवार पूरी तरह से तबाह हो गया है। इस दुखद घटना के बाद, पांच बेटियां अब अनाथ हो गई हैं। छह महीने पहले ही परिवार का एक और सदस्य, सात साल का बेटा रवेंद्र, सर्पदंश का शिकार हो गया था। अब माता-पिता की मौत के बाद यह परिवार पूरी तरह से बेसहारा हो गया है। परिवार पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था, और अब तक उन्हें सरकारी योजनाओं से भी कम मदद मिली थी।
अवैध खनन का खेल और माफियाओं का गठजोड़
धनगवां में अवैध कोयला खनन का एक बड़ा नेटवर्क चलता है, जिसमें 15 से 20 एकड़ क्षेत्र में कोयला निकाला जाता है। यहां पर 50 से ज्यादा मजदूर काम करते हैं, और हर दिन बड़ी मात्रा में कोयला निकाला जाता है। इस इलाके में मशीनों से खुदाई की जाती है और गहरे गड्ढे बनाए जाते हैं, जिनमें कभी-कभी मिट्टी भी धंस जाती है। इसी तरह के गड्ढे में दंपत्ति दब गए थे, जिससे उनकी दुखद मौत हो गई।
मृतकों के परिवार को मिली केवल तात्कालिक सहायता
मृतक दंपत्ति के परिवार को केवल प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था, जबकि राशन और अन्य योजनाओं का लाभ वे अब तक प्राप्त नहीं कर सके थे। इस घटना के बाद, गांव में गहरा शोक है, और बेटियों के गहरे दुख को देखकर सभी की आंखों में आंसू हैं।
कांग्रेस का सरकार पर निशाना
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले पर सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मदद से माफिया का हौसला बढ़ा हुआ है और वे अवैध खनन जैसे संगठित अपराधों को बढ़ावा दे रहे हैं। पटवारी ने मुख्यमंत्री से इस मामले में जवाबदेही तय करने की मांग की है।