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जयपुर। राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आवेदन करने में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ई-मित्र केंद्रों और सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के बावजूद जरूरतमंदों की सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार भले ही लाखों लोगों को लाभ देने का दावा कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।
जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ
खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद कई जरूरतमंद लोग सिर्फ दस्तावेजों के अभाव में योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। खासकर कचरा बीनने वाले, रिक्शा चालक और घरों में सफाई करने वाली महिलाओं को आवेदन में मुश्किलें आ रही हैं। इनसे ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जो इनके पास नहीं हैं।
26 जनवरी को शुरू हुआ था खाद्य सुरक्षा पोर्टल
सरकार ने 26 जनवरी को खाद्य सुरक्षा पोर्टल लॉन्च किया था, जिससे पात्र लोगों को योजना से जोड़ा जा सके। लेकिन अब इस पोर्टल पर भी आवेदन में दिक्कतें आ रही हैं।
अधिकारियों की चुप्पी, कोई नहीं सुन रहा फरियाद
जब इस समस्या को लेकर कलक्टर और खाद्य विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी से संपर्क किया गया, तो किसी ने भी जवाब नहीं दिया। इससे साफ है कि अधिकारी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं।
पीड़ितों की आपबीती
केस 1: सुशीला बारी (मोहन नगर, ब्रह्मपुरी)
- पति की मौत हो चुकी है, घर में कोई कमाने वाला नहीं है।
- पोंछा लगाकर घर चला रही हैं, लेकिन आवेदन में पोंछा लगाने का कोई दस्तावेज मांगा जा रहा है।
- समझ नहीं आ रहा, कौन सा दस्तावेज लगाएं।
केस 2: पूजा मीणा (बड़ौदिया बस्ती)
- पति जूतों की दुकान में काम करते हैं, पांच हजार रुपये महीना कमाते हैं।
- आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज न होने की वजह से आवेदन अटका हुआ है।
आधार कार्ड और राशन कार्ड की गलतियों से अटके आवेदन
- आधार कार्ड और राशन कार्ड में नाम की स्पेलिंग गलत होने से भी हजारों लोगों के आवेदन अटक गए हैं।
- पोर्टल पर नाम मिलान नहीं होने के कारण लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
डीएसओ का बयान
जयपुर के डीएसओ त्रिलोक चंद मीणा ने कहा कि सरकारी नियमों के अनुसार दस्तावेज जरूरी हैं, लेकिन रिक्शा चालक, सफाई कर्मी जैसे जरूरतमंदों के लिए कोई समाधान निकाला जाएगा। इसके लिए 2023 के सर्कुलर को देखकर उचित कदम उठाए जाएंगे।