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जबलपुर। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जबलपुर संभाग को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इस सेक्टर में 4 निवेशकों ने रुचि दिखाई है। इसके अलावा खनिज, ऊर्जा, शहरी विकास और उद्योग विभाग से जुड़े निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं। इनसे करोड़ों का निवेश होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
200 करोड़ के 13 प्रस्ताव, 1500 लोगों को मिलेगा रोजगार
एमएसएमई सम्मेलन में जबलपुर जिले के लिए 200 करोड़ के 13 निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे करीब 1500 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। समिट के दूसरे दिन टेक्नोलॉजी सेंटर के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया।
नवीकरणीय ऊर्जा और खनिज क्षेत्र में बड़ा निवेश
एमएसएमई सम्मेलन के दौरान नई नीति पर चर्चा हुई, जिसमें स्थानीय और बाहरी निवेशकों ने फूड और गारमेंट इंडस्ट्री में निवेश की इच्छा जताई। केंद्रीय एमएसएमई विभाग की एडीशनल डेवलपमेंट कमिश्नर अश्विनी लाल ने बताया कि जबलपुर में बन रहे टेक्नोलॉजी सेंटर का काम तेज गति से किया जाएगा।
जबलपुर को मिलेगा बड़ा फायदा
समिट में शामिल महाकोशल उद्योग संघ, आईटी पार्क एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ एमपी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों ने कहा कि यह समिट जबलपुर संभाग के औद्योगिक विकास को नई ऊर्जा देगी।
150 करोड़ का निवेश, जबलपुर में बनेगा इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि 2025 तक भारत में पहला मेड इन इंडिया चिप तैयार होगा।
- मध्यप्रदेश में दो इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्वीकृत किए गए – एक जबलपुर और दूसरा भोपाल में।
- 150 करोड़ के निवेश से अगले 6 वर्षों में आईटी हार्डवेयर और अन्य उत्पादों का निर्माण होगा।
- इस क्लस्टर में सर्वर, डेस्कटॉप, मदरबोर्ड, एसएसडी, ड्रोन और रोबोट के निर्माण की क्षमता होगी।
- इस प्रोजेक्ट से करीब 1200 नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
निष्कर्ष: जबलपुर संभाग में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से बड़े पैमाने पर निवेश आने वाला है। खासतौर पर नवीकरणीय ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में विकास होगा, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जबलपुर का औद्योगिक विकास तेजी से बढ़ेगा।