सरकार ने 2024 में कामकाजी महिलाओं के लिए आवास योजना शुरू की थी। इस योजना का मकसद महिलाओं को सुरक्षित आवास सुविधा देना, उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना था। लेकिन अभी तक एक भी महिला ने इस योजना का लाभ नहीं लिया। इसकी मुख्य वजह छात्रावास की शुरुआत में देरी और महिलाओं को इस योजना की जानकारी का अभाव है।
सिरोही में योजना की स्थिति
इस योजना के तहत हर संभाग में 100 और हर जिले में 50 महिलाओं के लिए आवास की व्यवस्था की गई थी। सिरोही जिले में भी यह योजना लागू है। सिरोही शहर के हाउसिंग बोर्ड में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास बना हुआ है, लेकिन अभी वहां कोई भी महिला नहीं रह रही।
योजना के नियम और शर्तें
- महिलाएं अधिकतम 5 साल तक योजना का लाभ ले सकती हैं।
- पहले 3 साल तक निवास की सुविधा, फिर 1-1 साल की बढ़ोतरी जिला कलक्टर की सहमति से हो सकती है।
- महिला का वेतन 50,000 रुपये से अधिक होने पर 6 महीने के भीतर छात्रावास खाली करना होगा।
- महिला का कार्यस्थल नगर पालिका, नगर निगम या नगर परिषद क्षेत्र में होना चाहिए।
- महिला या उसके पति/माता-पिता के पास खुद का घर नहीं होना चाहिए।
- महिला की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिए।
- विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता और शारीरिक रूप से अक्षम महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी।
जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड।
- कार्यस्थल का आईडी कार्ड और नियोक्ता का प्रमाण पत्र।
- वेतन स्लिप या स्वयं के व्यवसाय का आय प्रमाण पत्र।
आवेदन प्रक्रिया
महिलाओं को संबंधित कामकाजी निवास के प्रबंधक को आवेदन पत्र और दस्तावेजों के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के कार्यालय में आवेदन जमा करना होगा। प्रवेश मिलने के बाद प्रबंधक को इसकी सूचना जिला अधिकारी को देनी होगी।
क्या कहा अधिकारियों ने?
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक, राजेन्द्र कुमार पुरोहित ने बताया कि सिरोही में छात्रावास की सुविधा की घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 में की गई थी। सिरोही शहर के हाउसिंग बोर्ड में बने छात्रावास को जल्द ही शुरू किया जाएगा।