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होली के त्योहार पर मिठाइयों की मांग बढ़ जाती है, लेकिन मिलावटी मिठाइयां आपकी सेहत खराब कर सकती हैं। बाजार में नकली मावा (खोया) से बनी मिठाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही हैं, और जिम्मेदार विभाग इस पर सख्त कार्रवाई नहीं कर रहा।
नकली मिठाइयां और उनके खतरे
- चटक रंग वाली मिठाइयों से कैंसर का खतरा होता है।
- मिठाइयों में घातक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है।
- होटलों में पुराने और जले हुए तेल का कई बार उपयोग होता है, जिससे हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
- नकली खोवा से बनी मिठाइयां पेट संबंधी बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
जांच के नाम पर सिर्फ दिखावा
हर साल खाद्य सुरक्षा विभाग त्योहार के समय कुछ दिन के लिए सक्रिय होता है और सैंपलिंग करता है। लेकिन जब तक रिपोर्ट आती है, तब तक मिलावटी मिठाइयां बिक चुकी होती हैं। सरकार अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाई जिससे तुरंत कार्रवाई हो और नकली मिठाइयां बाजार से हटाई जा सकें।
कैसे करें असली और नकली मावा की पहचान?
- आयोडीन टेस्ट:
- मावा पर आयोडीन की 2-3 बूंदें डालें।
- अगर रंग काला हो जाए, तो मावा नकली है।
- रंग देखकर पहचानें:
- बहुत ज्यादा चमकीली मिठाइयों से बचें, क्योंकि उनमें मिलावट की संभावना अधिक होती है।
- पिस्ता और लड्डू में मिलावट ज्यादा पाई जाती है।
- चांदी के वर्क की जांच करें:
- असली चांदी का वर्क हाथ से रगड़ने पर मिठाई से अलग हो जाएगा।
- नकली चांदी का वर्क रगड़ने पर भी नहीं निकलेगा।
सरकार की कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा अधिकारी डोर्मेन्द्र ध्रुव ने कहा कि मिठाई दुकानों की जांच के लिए टीम बनाई गई है। जल्द ही सभी दुकानों की जांच होगी और गड़बड़ी मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इसलिए, होली पर मिठाइयां खरीदते समय सतर्क रहें और नकली मावा की पहचान करना न भूलें!