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30 मार्च 2025 से भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2082 की शुरुआत हो रही है। इस बार सूर्य राजा और मंत्री दोनों होंगे, जिससे सत्ता और प्रशासन में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
क्या कह रहे हैं ज्योतिषी?
जयपुर के ज्योतिषाचार्य पं. सुरेश शास्त्री के अनुसार: इस साल अच्छी बारिश के योग बन रहे हैं।
जून-जुलाई में गुरु ग्रह का अस्त और उदय वर्षा में सहायक होगा।
शनि और मंगल का प्रभाव प्राकृतिक आपदाएं ला सकता है, जैसे:
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कहीं अधिक बारिश (बाढ़) तो कहीं सूखा।
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भूकंप, तूफान और भूस्खलन जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
सर्दियों में शुक्र ग्रह के बदलाव से ओलावृष्टि और तूफान से नुकसान हो सकता है।
कब होगा नववर्ष का शुभारंभ?
29 मार्च को शाम 04:28 बजे नवसंवत्सर का प्रवेश होगा।
लेकिन 30 मार्च की सूर्योदय तिथि से इसे मान्यता मिलेगी।
यह वर्ष भारत (कुछ पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर) सिंह लग्न में शुरू होगा।
राजनीति और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
सूर्य के राजा बनने से राजनीतिक अस्थिरता हो सकती है।
पंचग्रही योग (सूर्य, चंद्र, शनि, बुध, राहु एक साथ) के कारण:
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जलवायु परिवर्तन और सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिलेगी।
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भारत की अर्थव्यवस्था और कृषि पर असर पड़ेगा।
सूखे की संभावना से खाद्य उत्पादन और पशुपालन प्रभावित हो सकता है।
सोने और धातुओं के दाम बढ़ सकते हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता रहेगी।
क्या यह साल शुभ रहेगा?
अच्छी वर्षा के योग से कुछ क्षेत्रों में खेती को लाभ मिलेगा।
लेकिन प्राकृतिक आपदाओं, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
यह संवत्सर एक बड़े बदलाव और नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।