बीएसएनएल (भारत संचार निगम लिमिटेड) के उन उपभोक्ताओं की आउटगोइंग कभी भी बंद हो सकती है जिन्होंने अभी तक अपने मोबाइल सिम की ई-केवाईसी (e-KYC) नहीं करवाई है। बीएसएनएल ने कई बार संदेश भेजकर इन उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी करवाने की अपील की है, लेकिन हजारों उपभोक्ताओं ने अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं की है।
स्थिति की गंभीरता
बीएसएनएल के सहायक महाप्रबंधक इंद्र सिंह ने बताया कि बीएसएनएल के करीब 18 हजार मोबाइल धारकों की ई-केवाईसी पेंडिंग थी। इनमें से करीब 10 हजार उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी पूरी कर ली है, लेकिन अभी भी 8 हजार मोबाइल धारकों की ई-केवाईसी नहीं हुई है। सुरक्षा कारणों से दूरसंचार विभाग ने सभी उपभोक्ताओं के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी है।
ई-केवाईसी की आवश्यकता
नए उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी के बाद ही मोबाइल सिम दी जा रही है, जबकि वर्षों पुरानी सिम इस्तेमाल कर रहे उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी करवानी है। जिन उपभोक्ताओं की आउटगोइंग बंद हो चुकी है, वे ई-केवाईसी करवाकर अपनी सेवाएं चालू करवा सकते हैं।
साइबर ठगी से बचाव
इंद्र सिंह ने बताया कि ई-केवाईसी के नाम पर साइबर ठग सक्रिय हैं। उपभोक्ताओं से अपील की जाती है कि वे केवल बीएसएनएल के ऑफिस या अधिकृत कार्यालय में ही ई-केवाईसी करवाएं। बीएसएनएल कभी भी उपभोक्ताओं से फोन पर ई-केवाईसी करवाने की अपील नहीं करता। मोबाइल धोखाधड़ी के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां और दूरसंचार विभाग ई-केवाईसी को लेकर सक्रिय हैं।
निष्कर्ष
उपभोक्ताओं को जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करवानी चाहिए ताकि उनकी मोबाइल सेवाएं बाधित न हों और वे किसी भी तरह की साइबर ठगी से सुरक्षित रह सकें।