जयपुर
सनातन परंपरा में गाय को मां का दर्जा दिया गया है, लेकिन हमारी बुरी आदतों के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक गौ माता की जान ले रहा है। प्रतिबंधित होने के बावजूद लोग सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं, जिससे बेजुबान पशुओं की जान खतरे में पड़ जाती है।
हिंदू धर्म में गौ माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है, लेकिन हमारी खराब आदतें उन्हें मौत के मुंह में धकेल रही हैं। प्लास्टिक की थैलियों में भरकर फेंके गए खाद्य पदार्थों को गायें थैलियों समेत खा जाती हैं, जो 70 फीसदी गौवंश की मौत का कारण बन रहा है। प्लास्टिक बेजुबान पशुओं की जान कैसे ले रहा है, यह खबर के साथ लगी तस्वीर से साफ पता चलता है।
लोगों की इस गलत आदत से इन बेजुबान पशुओं को कितना दर्द झेलना पड़ता है, इसका अंदाजा डॉक्टरों की टीम को होने वाली मशक्कत से लगाया जा सकता है। गायों के पेट में जमा प्लास्टिक के कारण वे चारा नहीं खा पातीं और उनकी मौत हो जाती है। ऑपरेशन के दौरान गाय के पेट से निकाले गए अपशिष्ट में कई ऐसी चीजें मिलती हैं, जिन्हें देखकर दिल पसीज जाता है।
इन तस्वीरों को दिखाने का मकसद शहरवासियों को यह बताना है कि अपनी सहूलियत के लिए प्रतिबंधित होने के बावजूद सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करना और उसे सड़क पर फेंक देना न सिर्फ पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है, बल्कि बेजुबान गौवंश की मौत का कारण भी बन रहा है।