जल जीवन मिशन (जेजेएम) घोटाले के मामले में अब सीबीआई भी सक्रिय हो गई है। सीबीआई दिल्ली ने इस केस में पूछताछ के लिए समन भेजकर आरोपियों को दिल्ली बुलाना शुरू कर दिया है। कुछ आरोपियों को गुरुवार को दिल्ली बुलाया गया है, और जो जेल में हैं, उनके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई है।
एसीबी ने की थी एफआईआर
जयपुर एसीबी ने 8 अगस्त 2023 को जेजेएम से जुड़े कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। एसीबी के सीआई राजेश राव की ओर से दर्ज इस एफआईआर में बताया गया था कि 6 अगस्त को सूचना मिली थी कि पीएचईडी में टेंडर प्राप्त करने, बिलों के भुगतान और कार्य में अनियमित्ताओं के लिए ठेकेदार पदम जैन ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को रिश्वत देने के लिए होटल में बुलाया है। 7 अगस्त को एसीबी ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए 2.20 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए अधिकारियों को पकड़ा था। जांच में एसीबी ने 10 लोगों को इस केस में आरोपी बनाया था।
एसीबी द्वारा बनाए गए आरोपी
- मायालाल सैनी: PHED विभाग में अलवर के बहरोड़ में पोस्टेड एक्सईएन।
- प्रदीप कुमार: नीमराणा में पोस्टेड जेईएन।
- राकेश सिंह: नीमराणा में पोस्टेड असिस्टेंट इंजीनियर।
- मलकेत सिंह: श्री श्याम ट्यूबेल कंपनी का सुपरवाइजर।
- पदमचंद जैन: ठेकेदार।
- प्रवीण कुमार अग्रवाल: दलाल।
- महेश मित्तल: फर्म गणपति ट्यूबवेल कंपनी का ठेकेदार।
- उमेश शर्मा और पियूष जैन: पदमचंद जैन के पुत्र।
- अन्य लोक सेवक और प्राइवेट व्यक्ति भी आरोपी बनाए गए हैं।
सीबीआई अब इन सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है और जांच को आगे बढ़ा रही है।