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पूरी पढ़ाई देश की भलाई: जयपुर में बेटियों की शिक्षा के लिए विशेष कार्यक्रम

जयपुर

पूरी पढ़ाई देश की भलाई कैंपेन के तहत बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कैंपेन का मुख्य उद्देश्य माता-पिता को प्रेरित करना है कि वे हर हाल में अपनी बेटियों को 12वीं तक जरूर पढ़ाएं।

शनिवार और रविवार को जयपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल पीली रोशनी से जगमगाएंगे। यह कार्यक्रम चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को बेटियों की शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूक करना है। 20 और 21 जुलाई को हवामहल, अल्बर्ट हॉल और जंतर मंतर पीली रोशनी से सजाए जाएंगे, जो कि क्राई संस्था का प्रतीक रंग है। यह कार्यक्रम पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग (राजस्थान सरकार) के सहयोग से किया जा रहा है।

क्राई का यह राष्ट्रीय अभियान 24 जून को शुरू हुआ था और 15 अगस्त तक चलेगा। इस अभियान का लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियां स्कूल जाएं और 12वीं तक पढ़ाई पूरी करें। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में केवल पांच में से तीन लड़कियां ही 12वीं तक की पढ़ाई पूरी कर पाती हैं। गरीबी, रीति-रिवाज और स्कूलों की कमी जैसी समस्याएं उनकी शिक्षा में बाधा डालती हैं।

अल्बर्ट हॉल के अधीक्षक मोहम्मद आरिफ ने क्राई की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि लड़कियों की पूरी शिक्षा के लिए यह पहल बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “जैसे पुराने स्मारक मजबूती से खड़े हैं, वैसे ही हम चाहते हैं कि हमारी लड़कियां भी शिक्षा में आगे बढ़ें।”

हवामहल और जंतर मंतर की अधीक्षक सरोजनी चंचलानी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि 20-21 जुलाई 2024 को ये स्थल पीली रोशनी से सजाए जाएंगे, जिससे समाज में शिक्षा के महत्व और इसके प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके।

क्राई की क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) सोहा मोइत्रा ने कहा कि बेटियों का 12वीं तक पढ़ना बहुत जरूरी है। इससे वे आगे बढ़ सकेंगी और देश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि हमें सरकार और समाज दोनों की मदद चाहिए। बाल विवाह रोकने के लिए कड़े कानून लागू करने होंगे और लोगों को बेटियों की शिक्षा के बारे में जागरूक करना होगा। जयपुर के इन मशहूर स्थलों को रोशन करके, हम इस मुद्दे पर ध्यान खींचना चाहते हैं और उम्मीद है कि इससे पूरे भारत में बदलाव आएगा।

क्राई इस अभियान में परिवारों, शिक्षकों, समाज के लोगों, सरकारी अधिकारियों, छात्रों, मीडिया, कंपनियों और आम जनता को शामिल कर रही है ताकि बेटियों की शिक्षा के महत्व को समझा जा सके और उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जा सके।

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