उदयपुर के एक स्कूल में हुई हिंसक घटना के बाद राजस्थान का शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है। शनिवार को शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए एक विशेष गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत अब स्टूडेंट्स को धारदार हथियार, चाकू, कैची, छुरी और किसी भी तरह की नुकीली वस्तु स्कूल में लाने की अनुमति नहीं होगी। इस गाइडलाइन के अनुसार, टीचर्स नियमित रूप से स्टूडेंट्स को जागरूक करेंगे और उनके स्कूल बैग की रेंडम चेकिंग भी करेंगे। अगर किसी स्टूडेंट के पास से ऐसी कोई वस्तु मिलती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी ने बताया कि पैरेंट्स अपने बच्चों को सुरक्षित माहौल में पढ़ाई के लिए स्कूल भेजते हैं। इसलिए, स्कूल को स्टूडेंट्स के लिए सबसे सुरक्षित स्थान होना चाहिए। इस गाइडलाइन के तहत स्कूल में किसी भी तरह के नुकीले या धारदार उपकरण का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। नई गाइडलाइन को स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी प्रदर्शित किया जाएगा और प्रार्थना सभा में टीचर्स इसे स्टूडेंट्स को समझाएंगे, ताकि प्रदेशभर के स्कूलों में किसी भी तरह की हिंसक घटना को रोका जा सके।
मोदी ने यह भी बताया कि टीचर्स स्टूडेंट्स के बैग की रेंडम चेकिंग करेंगे और अगर किसी स्टूडेंट के पास से कोई नुकीली या हानिकारक वस्तु मिलती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अगर टीचर्स को बच्चों के व्यवहार में कोई अचानक बदलाव नजर आता है, तो वे उनकी काउंसलिंग करेंगे और उनके पैरेंट्स को इसकी सूचना देंगे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूल एक मंदिर की तरह है, जहां विद्या के साथ अहिंसा का पाठ पढ़ाया जाता है। इसलिए, भविष्य में किसी भी तरह की हिंसक घटना को रोकने के लिए यह गाइडलाइन जारी की गई है, जिसका पालन सुनिश्चित करना सभी टीचर्स की जिम्मेदारी होगी। यदि कोई स्टूडेंट इस गाइडलाइन का उल्लंघन करता है, तो पहले उसके पैरेंट्स को सूचित किया जाएगा, और सुधार न होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।