राजस्थान के भरतपुर जिले में नदबई पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। इस गैंग ने नौकरी के झांसे में आकर बेरोजगारों से 90 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य सरगना कपिल जिंदल, जिस पर 25 हजार रुपये का इनाम था, भी शामिल है। पुलिस ने इनके पास से फर्जी नौकरी से संबंधित दस्तावेज और ठगे गए पैसे बरामद किए हैं।
नकली अधिकारी बनाकर तैयार करते थे फर्जी लेटर
भरतपुर के जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि नदबई थाने में नौकरी के नाम पर ठगी के चार मामले दर्ज किए गए थे। जांच के दौरान सीओ पूनम भरगढ़ के नेतृत्व में इस गैंग का खुलासा हुआ। गिरफ्तार आरोपियों में मुख्य मास्टरमाइंड के साथ श्याम सिंह और जयपाल भी शामिल हैं, जो नदबई के ही निवासी हैं। गैंग का तरीका यह था कि ये लोग बेरोजगार युवाओं को झांसे में लेकर उनमें से एक व्यक्ति नकली सरकारी अधिकारी बनता था और फर्जी अपॉइंटमेंट और जॉइनिंग लेटर तैयार करवाता था। पुलिस ने इनके कब्जे से सारे फर्जी कागजात जप्त कर लिए हैं।
कर्ज उतारने के लिए शुरू किया ठगी का काम
तीनों आरोपी जुआ और सट्टा खेलने के आदी थे, और इसी में बड़ा नुकसान होने के बाद वे कर्ज में डूब गए थे। इस कर्ज को उतारने के लिए उन्होंने ठगी का यह काम शुरू किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने अब तक जिले और बाहर के लोगों से 80 से 90 लाख रुपये की धोखाधड़ी की बात कबूल की है। पुलिस ने इनके पास से ठगे गए पैसे, हिसाब किताब और कमीशन का रजिस्टर भी बरामद किया है, साथ ही फर्जी अपॉइंटमेंट और जॉइनिंग लेटर बनाने के उपकरण भी जब्त किए हैं।