राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के बागोर कस्बे के पास एक गांव से एक दंपती ने जोगणिया माता की पैदल यात्रा पर निकलने का निर्णय लिया। इस यात्रा में उनके साथ उनका छोटा बच्चा भी था, जिसे उन्होंने ट्रॉली बैग में लिटाया था।
यात्रा का कारण
दंपती ने इस यात्रा की शुरुआत अपने बच्चे के साथ 118 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए की। उन्होंने यह कदम उठाया ताकि यात्रा आसान हो सके और उनके बच्चे को कोई कठिनाई न हो।
संतान प्राप्ति की मन्नत
दंपती ने बताया कि उन्होंने माता से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी थी, और 12 साल बाद उनकी यह मनोकामना पूरी हुई। उनके इस धार्मिक विश्वास और यात्रा की भावना ने अन्य यात्रियों का ध्यान आकर्षित किया। लोग उनके साहस और भक्ति की प्रशंसा कर रहे थे।
समुदाय की प्रतिक्रिया
जब अन्य पदयात्री और भंडारा लगाने वाले लोग सड़क पर उन्हें ट्रॉली बैग में बच्चे के साथ चलते देख रहे थे, तो सभी हैरान रह गए। यह दृश्य धार्मिक यात्रा के दौरान एक अनोखा अनुभव बन गया, और लोगों ने इस दंपती की भक्ति और लगन को सराहा।
इस प्रकार, यह दंपती अपनी संतान के लिए किए गए प्रयास और धार्मिक श्रद्धा का उदाहरण पेश कर रहे हैं, जो समाज में प्रेरणा का स्रोत बन गया है।