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जोधपुर में रावण का ससुराल: दशहरे पर मनाया जाता है शोक

जोधपुर: दशहरा के दिन जहां देशभर में रावण का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत मनाई जाती है, वहीं राजस्थान के जोधपुर में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां रावण का ससुराल माना जाने वाला मंडोर में दशहरे के दिन शोक मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है शोक?

  • दंतकथाओं के अनुसार, रावण की पत्नी मंदोदरी मंडोर की राजकुमारी थी।
  • यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था।
  • इसलिए मंडोर में रहने वाले लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं।
  • रावण के वंशज होने का दावा करने वाले लोग दशहरे के दिन रावण के दहन के दौरान शोक मनाते हैं।

जोधपुर में रावण का मंदिर

  • जोधपुर में अमरनाथ महादेव मंदिर प्रांगण में रावण का मंदिर बना हुआ है।
  • दशहरे के दिन यहां रावण की पूजा की जाती है।
  • रावण के वंशज होने का दावा करने वाले लोग यहां आकर रावण को श्रद्धांजलि देते हैं।

एक अनोखी परंपरा

  • यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
  • यह दिखाता है कि धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं कितनी जटिल और दिलचस्प हो सकती हैं।

क्या आप जानते हैं?

  • मंडोर कभी मारवाड़ की राजधानी हुआ करता था।
  • जोधपुर शहर की स्थापना मंडोर के बाद हुई थी।

यह खबर दिखाती है कि हमारे देश में धर्म और संस्कृति कितनी विविधतापूर्ण है।

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