जयपुर: दशहरे का त्योहार आते ही बाजारों में रावण के पुतले सजने लगते हैं। लेकिन इस बार रावण का एक नया अवतार देखने को मिल रहा है। अब रावण के पुतले वाटरप्रूफ बन रहे हैं।
क्यों जरूरी हैं वाटरप्रूफ रावण?
- पिछले कुछ सालों से दशहरे के आसपास बारिश होने की वजह से रावण के पुतले भीग जाते थे।
- इससे पुतले जलाने में काफी दिक्कत होती थी।
- इसलिए अब कारीगर वाटरप्रूफ पुतले बना रहे हैं ताकि बारिश में भी पुतले खराब न हों।
जयपुर में वाटरप्रूफ रावण
- जयपुर में कई जगहों पर वाटरप्रूफ रावण के पुतले बनाए गए हैं।
- इन पुतलों में चमकदार मुंह, लंबी मूंछें और थ्रीडी इफेक्ट भी दिया गया है।
- कुछ पुतले तो डायलॉग भी बोलते हैं।
कितने बड़े हैं ये पुतले?
- जयपुर में 81 फीट ऊंचा रावण का घूमने वाला पुतला भी बनाया गया है।
- इस पुतले को बनाने में करीब एक लाख रुपये का खर्च आया है।
- इस साल रावण के पुतलों का आकार थोड़ा छोटा रखा गया है।
क्यों बढ़ी है कीमत?
- बांस और अन्य सामग्री के दाम बढ़ने की वजह से इस साल रावण के पुतलों की कीमत भी बढ़ गई है।
क्यों है ये खबर महत्वपूर्ण?
- यह खबर दिखाती है कि कैसे लोग अपनी परंपराओं को बदलते हुए समय के साथ कैसे ढाल रहे हैं।
- यह खबर यह भी बताती है कि कैसे तकनीक का इस्तेमाल करके हम त्योहारों को और अधिक मज़ेदार बना सकते हैं।