राजस्थान में प्रदूषण बढ़ा: इस बार दिवाली से पहले ही राजस्थान के कई शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। पिछले 24 घंटों में जोधपुर समेत कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 150 के पास पहुंच गया है, जबकि कुछ जगहों पर यह 200 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को पार कर गया। पश्चिमी राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया, जिसमें नागौर में एक्यूआई 217 और जोधपुर में 167 तक पहुंच गया। जोधपुर नगर निगम ने हवा को साफ करने के लिए वाटर स्मॉग गन से छिड़काव शुरू किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तेज हवा नहीं चली तो दिवाली तक वायु प्रदूषण और भी बढ़ सकता है।
धीमी गति की हवा से बढ़ा प्रदूषण
जून से सितंबर तक मानसून के कारण हवा साफ थी और एक्यूआई 100 से नीचे बना हुआ था। लेकिन मानसून के बाद हवा की गति धीमी होने से प्रदूषण बढ़ने लगा। छोटे धूल और कार्बन कणों से भरे पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा हवा में अधिक हो गई है, जो सांस के जरिए शरीर में जाकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
एक्यूआई और इसके प्रभाव
- 0 से 50: अच्छी हवा, स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं।
- 51 से 100: संतोषजनक हवा, संवेदनशील लोगों को थोड़ी परेशानी।
- 101 से 200: मध्यम हवा, अस्थमा और फेफड़े के रोगियों को परेशानी।
- 201 से 300: खराब हवा, लंबे समय तक रहने पर सांस में तकलीफ।
- 301 से 400: बहुत खराब हवा, श्वसन रोग का खतरा।
- 401 से 500: बेहद खराब, पहले से बीमार लोगों के लिए गंभीर खतरा।
राजस्थान के प्रमुख शहरों का एक्यूआई स्तर
- नागौर: 217
- टोंक: 213
- बीकानेर: 208
- जयपुर: 203