Related Articles
दिवाली और छठ पर टिकट की किल्लत: त्योहारों के दौरान कंफर्म रेल टिकट न मिलने से प्रवासियों के लिए घर पहुंचना चुनौती बन गया है। नवंबर के अंत तक कई लंबी दूरी की नियमित ट्रेनों में कंफर्म सीट नहीं मिल रही है। रेलवे ने इस बार 7000 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में यात्री इनका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और गुजरात से बिहार, उत्तर प्रदेश जाने वाली ज्यादातर ट्रेनों में नवंबर के दूसरे सप्ताह तक कंफर्म टिकट नहीं है।
मारामारी का आलम: जयपुर से वाराणसी जाने वाली साबरमती-पटना स्पेशल ट्रेन में स्लीपर में वेटिंग 300 के पार है, वहीं थर्ड एसी में भी 100 से ज्यादा वेटिंग है। श्रीगंगानगर-गुवाहाटी ट्रेन में भी ऐसी ही स्थिति है। कंफर्म टिकट न मिलने पर लोग तत्काल टिकट के सहारे हैं, जो मिनटों में खत्म हो जाती है।
स्पेशल ट्रेनों पर निर्भरता: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बार 7000 स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, जिससे करीब दो लाख यात्रियों को लाभ पहुंचने का दावा किया जा रहा है। हालांकि, कई यात्रियों को इन स्पेशल ट्रेनों की जानकारी न होने से दिक्कत हो रही है।
छत्तीसगढ़, हावड़ा, दरभंगा जाने वाली ट्रेनों में नो रूम: रायपुर स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों में सभी सीटें फुल हैं। पुणे-हावड़ा और सिकंदराबाद- दरभंगा एक्सप्रेस में नो रूम की स्थिति है। रायपुर रेल मंडल ने भीड़ को संभालने के लिए 24 घंटे हॉस्टल स्टाफ की ड्यूटी लगाई है।
वेटिंग लिस्ट नवंबर तक: भोपाल रेल मंडल ने विभिन्न राज्यों के लिए 36 जोड़ी अतिरिक्त ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन वेटिंग नवंबर तक बनी रहेगी। बीना से गोरखपुर, मुंबई-गोरखपुर एक्सप्रेस में छठ पूजा तक वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं है।
5 नवंबर तक टिकट की किल्लत: बीकानेर-दिल्ली, जयपुर-उदयपुर, जोधपुर-पुरी समेत 70 जोड़ी ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े गए हैं, फिर भी वेटिंग खत्म नहीं हो रही। उत्तर पश्चिम रेलवे के अनुसार, 5 नवंबर तक ट्रेनों में सीटों की यही स्थिति बनी रहेगी।