सारांश लखनऊ – बहराइच जिले की महसी तहसील के हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज में 13 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन के दौरान हिंसा भड़की। इसमें रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
विस्तार से महराजगंज हिंसा के बाद पुलिस पर विभागीय कार्रवाई जारी है। पहले सीओ, थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज को निलंबित किया गया, अब एसपी ने हरदी और रामगांव थाने के 29 पुलिसकर्मियों को लापरवाही के कारण लाइन हाजिर कर दिया। इनकी जगह पुलिस लाइन से अन्य पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
हरदी थाना क्षेत्र के महराजगंज में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद अगले दिन जिले में हिंसा भड़क उठी, जिसमें कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सीओ महसी, थानाध्यक्ष और चौकी इंचार्ज को निलंबित किया। तहसीलदार पर भी कार्रवाई की गई है। एसपी की जांच में लापरवाही पाए जाने पर रामगांव के 15 और हरदी थाने के 14 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। उनकी जगह नए पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई है।
लापरवाही बरतने वालों को हटाया गया हिंसा से प्रभावित थानों में लंबे समय से तैनात और लापरवाह पुलिसकर्मियों को हटाकर नए कर्मियों की नियुक्ति की गई है। – एसपी वृंदा शुक्ला
रामगोपाल की पत्नी की पहली दीपावली फीकी रामगोपाल की हत्या ने उनके परिवार की खुशियों को छीन लिया है। उनकी पत्नी रोली, जिन्होंने पहली दीपावली पर अपने पति के साथ कई सपने देखे थे, अब गहरे सदमे में हैं। रामगोपाल के परिवार ने इसे उनकी खुशियों की हत्या बताया है।
बूढ़े मां-बाप पर पहले भी दुखों का पहाड़ टूटा है रामगोपाल के बूढ़े माता-पिता, कैलाश नाथ मिश्रा (69) और मुन्नी देवी (64), पहले भी कई दुखों से गुजरे हैं। 1985 में उनके बड़े बेटे की तालाब में डूबने से मृत्यु हो गई थी। इसके बाद दूसरी बेटी ने आत्महत्या की और बहू ने भी खुद को आग लगा ली। बेटे शिव मिलन ने विषाक्त खाकर जान दे दी।
महराजगंज में हालात सामान्य हिंसा प्रभावित महराजगंज में अब हालात सामान्य हैं। बाजार खुल गए हैं और लोग खरीदारी कर रहे हैं, हालांकि पहले जैसी भीड़ नहीं है। पुलिस बल को एहतियातन तैनात किया गया है।