राजस्थान में जल जीवन मिशन के तहत बड़े पैमाने पर जलापूर्ति और स्वच्छता से जुड़े कामों का जिम्मा जलदाय विभाग को सौंपा गया था। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए चलाई जा रही है। आरोप है कि इस मिशन में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं हुईं, जिसमें ठेकेदारों और विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी फंड का दुरुपयोग किया गया।
पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। यह आरोप विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने लगाए, जो इस मामले में लंबे समय से विरोध करते आ रहे हैं।
मामले का उभरना और विधायक किरोड़ी लाल मीणा का विरोध:
विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन घोटाले का मुद्दा उठाया था। उन्होंने अशोक नगर थाने में मामले की एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। इस पर विरोध स्वरूप मीणा थाने के बाहर धरने पर बैठ गए थे। इसके बाद 22 जून 2023 को पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था। हालांकि, मीणा ने अपना विरोध जारी रखा और मामले की जांच के लिए दबाव बनाया।
एसीबी की जांच:
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने महेश जोशी समेत 22 अन्य आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एसीबी का कहना है कि पूर्व मंत्री महेश जोशी से पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हो सकती है। इस घोटाले में जलदाय विभाग के ठेकेदारों और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की भी गहन जांच की जाएगी। एसीबी की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि किस प्रकार से ठेके और अन्य कार्यों में वित्तीय हेरफेर हुआ।
जोशी के खिलाफ आगे की कार्रवाई:
एसीबी ने संकेत दिए हैं कि महेश जोशी से पूछताछ के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यदि जोशी का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उनकी गिरफ्तारी भी शामिल है।