राजसमंद के कांकरोली स्थित द्वारकेश सब्जी मंडी में सात साल पहले एक फूडकोर्ट बनाया गया था, लेकिन आज तक उसकी दुकानों का आवंटन नहीं हुआ। नगर परिषद ने सब्जी विक्रेताओं को तो स्थान दे दिए, लेकिन फूडकोर्ट की दुकानों को अब तक आवंटित नहीं किया। इसके लिए नगर परिषद ने कोई ठोस प्रयास भी नहीं किए।
फूडकोर्ट का निर्माण और स्थिति
कांकरोली बस स्टैंड के पास 1.50 करोड़ रुपए की लागत से 2017 में श्री द्वारकेश सब्जी मंडी का निर्माण हुआ था। इसका उद्घाटन जून 2018 में किया गया था। मंडी में सब्जी विक्रेताओं के लिए स्थान आवंटित किए गए और इसका संचालन भी नियमित रूप से हो रहा है। हालांकि, मंडी के ऊपर बने फूडकोर्ट में लगभग 12 दुकानें बनाई गई थीं, जहां फूडकोर्ट चलाने का प्रस्ताव था। लेकिन सात साल बाद भी इन दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया, और सभी दुकानें खाली पड़ी हैं। इस दौरान केवल दो दुकानों पर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना का संचालन हो रहा है।
नगर परिषद की आय में इजाफा हो सकता है
अगर फूडकोर्ट की दुकानों का आवंटन हो जाए, तो नगर परिषद को अच्छा खासा किराया मिल सकता है, जिससे परिषद की आय में इजाफा हो सकता है। यह दुकानों का स्थान शहर के बीचों-बीच है, जहां अच्छी ग्राहक भीड़ हो सकती है। फिलहाल, सब्जी मंडी के विक्रेता हर महीने निर्धारित किराया नगर परिषद को जमा करते हैं।
रोड पर बढ़ते ठेले और खतरे की आशंका
कांकरोली बस स्टैंड से लेकर चौराहे तक कई ठेले और फास्ट फूड के केबिन लगते हैं, जहां शाम के समय भारी भीड़ रहती है। यह स्थान रोडवेज और निजी बसों की आवाजाही के कारण हमेशा दुर्घटनाओं के खतरे से जूझता है। ऐसे में फूडकोर्ट में दुकानों का संचालन आम लोगों के लिए ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
अब होगी दुकानों का आवंटन
नगर परिषद की साधारण सभा में प्रस्ताव लेकर फूडकोर्ट के आवंटन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी। उम्मीद है कि इस कदम से शहर को एक नया बदलाव मिलेगा और फूडकोर्ट के खाली पड़े स्थानों का उपयोग सही तरीके से किया जाएगा।
- अशोक टांक, सभापति नगर परिषद राजसमंद