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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दुर्ग जिले में एक और गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। पाटन के ग्राम पंचायत देवादा में आवास प्लस की सूची में 191 हितग्राहियों के नाम शामिल थे, लेकिन 2024 की मंजूरी में किसी भी हितग्राही का नाम नहीं आया। इससे नाराज ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे और अधिकारियों से जवाब मांगा।
ग्राम पंचायत देवादा के सरपंच उर्वशी वर्मा ने बताया कि आवास प्लस की सूची में नाम होने के बावजूद 2024 में किसी को भी आवास नहीं मिला है। इसके कारण गांव में असमंजस की स्थिति बनी हुई है और लोग जानकारी के लिए ग्राम पंचायत पहुंच रहे हैं।
इसी तरह के मामले अन्य जगहों पर भी:
इससे पहले, दुर्ग ब्लॉक के ग्राम पंचायत रसमड़ा, पीपरछेड़ी और जंजगिरी में भी इसी तरह के मामले सामने आए थे। जनपद पंचायत और जिला पंचायत में भी इस मुद्दे को उठाया गया है, लेकिन अधिकारियों ने डाटा एंट्री में गड़बड़ी का हवाला देते हुए कोई ठोस समाधान नहीं दिया है।
जंनगिरी और रसमड़ा में भी गड़बड़ी:
ग्राम पंचायत जंजगिरी की सरपंच रेखा चतुर्वेदी ने बताया कि उनकी पंचायत में 240 से अधिक लोगों का नाम आवास प्लस सूची में था, लेकिन किसी का भी नाम आवास की मंजूरी में नहीं आया। इसी तरह, ग्राम पंचायत रसमड़ा में 500 से अधिक हितग्राहियों का नाम था, लेकिन कोई भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ।
कुल 12 हजार नाम, लेकिन आवास केवल 2315:
जिला पंचायत से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास प्लस सूची में 11,960 हितग्राहियों का नाम था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केवल 2315 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इस गड़बड़ी से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है और वे अपने सरपंचों से जवाब मांग रहे हैं।