प्रयागराज में पिछले तीन दिनों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं, उनकी एक ही मांग है कि यूपीपीएससी की परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में कराई जाए। छात्रों का कहना है कि जब बिहार में सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा एक दिन में कराई जा सकती है, तो यूपी में ऐसा क्यों नहीं हो सकता? क्या यूपीपीएससी बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) से भी कमजोर है?
यूपीपीएससी परीक्षा के लिए लगभग 5.75 लाख छात्रों ने आवेदन किया है, जबकि बिहार की परीक्षा में लगभग 4.75 लाख छात्रों ने भाग लिया है। आंदोलन कर रहे छात्रों का सवाल है कि जब यूपी के 75 जिलों में परीक्षा हो सकती है, तो केवल 41 जिलों में ही क्यों कराई जा रही है?
आंदोलन में दिव्यांग छात्र भी शामिल हैं। दिव्यांग छात्रों का कहना है कि मानकीकरण के चलते भेदभाव हो सकता है, इसलिए जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे धरना स्थल पर बने रहेंगे।
यह आंदोलन कई जिलों में फैल गया है। लखनऊ में लगातार दूसरे दिन छात्रों ने प्रदर्शन किया, मेरठ में जुलूस निकाला गया, गोरखपुर में कैंडल मार्च निकाला गया, उरई जालौन में रैली हुई, और लखीमपुर खीरी में छात्रों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।