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पीएम आवास योजना के तहत अब आय और जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले हितग्राहियों को ही पात्र माना जाएगा। इस नए नियम के कारण लोगों में गुस्सा और विरोध बढ़ गया है।
15 नवंबर से प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के तहत हितग्राही सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ है। इसके लिए विभिन्न वार्डों में शिविर लगाए जा रहे हैं। मंगलवार को बांसपारा, महात्मा गांधी, बठेना और इंडोर स्टेडियम हॉल में शिविर आयोजित किए गए थे। महात्मा गांधी वार्ड में आवेदन के साथ कई दस्तावेजों जैसे बी-1, नक्शा, खसरा, आधार कार्ड, पैन कार्ड और आय, जाति प्रमाण पत्र की छायाप्रति भी मांगी गई।
जब लोगों को यह जानकारी मिली कि अब आय और जाति प्रमाण पत्र के बिना वे पीएम आवास योजना का लाभ नहीं ले सकते, तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने इस नियम को लेकर शोर मचाया और अधिकारियों से जवाब मांगा। बाद में अधिकारियों ने पीएम आवास शहरी 2.0 सर्वेक्षण के गाइडलाइन की कापी लोगों के सामने रखी, जिससे कुछ हद तक स्थिति शांत हुई।
कुछ वार्डवासी, जैसे ममता सोनकर, अनिवाश पटेल और मथुरा यादव, ने बताया कि उन्होंने दो साल पहले पीएम आवास योजना में आवेदन किया था, लेकिन अब उन्हें फिर से आवेदन करने के लिए कहा जा रहा है और आय-जाति प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है। उनका कहना है कि उनके पास वंशावली रिकॉर्ड नहीं होने के कारण जाति और निवास प्रमाण पत्र नहीं बन सके।
पार्षद कमलेश सोनकर ने इस नए नियम पर सवाल उठाते हुए कहा कि आय, जाति प्रमाण पत्र मांगना उचित नहीं है। उनका कहना है कि पात्रता रखने के बावजूद लोग अब आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।