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छत्तीसगढ़: माओवाद प्रभावित गांवों में सरकारी योजनाओं से विकास की रोशनी

छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के माओवाद प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ ली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शुरू की गई ‘नियद नेल्लानार योजना’ के तहत गांवों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

गांवों में तेजी से हो रहा विकास

इस योजना के तहत कोयलीबेड़ा ब्लॉक के 7 गांवों – पानीडोबीर, आलपरस, हेटारकसा, गुंदूल, अलपर, जुगड़ा और चिलपरस में विकास कार्य तेजी से पूरे किए गए हैं। इनमें सड़कों का निर्माण, पुल-पुलिया बनाना, राशन और आधार कार्ड शिविर लगाना, वन अधिकार पट्टा वितरण और स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति जैसे कार्य शामिल हैं।

14 सोलर ड्यूल पंप लगाए गए

‘जल-जीवन मिशन’ के तहत इन गांवों में 14 सोलर ड्यूल पंप स्थापित किए गए हैं। यह योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और क्रेडा के सहयोग से लागू की गई है। सोलर पंपों की स्थापना से ग्रामीणों को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है।

  • गांववार सोलर पंप की संख्या:
    • पानीडोबीर: 1
    • आलपरस: 3
    • हेटारकसा: 2
    • गुंदूल और मर्राम: 2
    • अलपर: 1
    • जुगड़ा: 2
    • चिलपरस: 3

ग्रामीणों का जीवन बदल रहा है

ग्रामीणों ने बताया कि पहले पानी लाने के लिए उन्हें हैंडपंप और कुएं पर निर्भर रहना पड़ता था। गर्मियों में पानी की कमी एक बड़ी समस्या थी। सोलर पंपों की वजह से अब यह समस्या खत्म हो गई है और घर-घर तक नल के माध्यम से साफ पानी पहुंच रहा है।

‘नियद नेल्लानार योजना’ ने इन गांवों में विकास की नई लहर ला दी है और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव किया है।

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