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जयपुर शहर के 32 सब डिवीजनों में बिजली गुल की समस्या के समाधान के लिए तैनात फॉल्ट रिमूवल टीम (एफआरटी) खुद उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बन रही है। कॉल सेंटर से बिजली की शिकायत मिलने के बाद एफआरटी टीम इसे अपने स्तर पर हल करने का दावा कर देती है। उपभोक्ताओं को समस्या समाधान का मैसेज भेज दिया जाता है, जबकि घंटों तक बिजली गुल रहती है।
उपभोक्ताओं की परेशानी
- जब उपभोक्ता सहायक अभियंता से फोन पर संपर्क करते हैं, तो उन्हें शिकायत कॉल सेंटर पर दर्ज कराने की सलाह दी जाती है।
- आमेर, सांगानेर, खो नागोरियान, मानसरोवर, आगरा रोड और बिंदायका जैसे इलाकों में इस तरह के मामले बार-बार सामने आ रहे हैं।
एफआरटी पर सवाल
- एफआरटी टीम द्वारा शिकायत बंद कर देने के बावजूद ठेकेदार को भुगतान किया जा रहा है।
- इससे उपभोक्ता असुविधा झेल रहे हैं और उनकी शिकायतों का सही समाधान नहीं हो रहा।
अधिकारी का बयान
अधीक्षण अभियंता लोकेश जैन का कहना है कि एफआरटी टीम द्वारा इस तरह की शिकायत बंद करने की जानकारी उन्हें नहीं मिली है। यदि किसी उपभोक्ता को ऐसी समस्या हो रही है, तो वह कॉल सेंटर या संबंधित फील्ड इंजीनियर से संपर्क कर सकता है।
निष्कर्ष
बिजली संबंधी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से होना चाहिए, लेकिन एफआरटी की इस कार्यशैली से उपभोक्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। अधिकारियों को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।