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सिवनी: बदलते समय के साथ साइबर ठग भी अपने तरीके बदल रहे हैं। अब ये ठग नए-नए तरीकों से लोगों को फंसा रहे हैं। हर वो इंसान, जो इंटरनेट बैंकिंग या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है, इनके निशाने पर है। ठग अब ई-चालान, डिजिटल अरेस्ट और लिंक भेजकर ठगी कर रहे हैं। कुछ मिनटों में ये ठग लाखों रुपए का नुकसान कर रहे हैं।
इन्हीं साइबर अपराधों के खिलाफ पत्रिका ने “रक्षा कवच” अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत सोमवार को शहर में साइबर अपराध के नए तरीके और उनसे बचाव पर चर्चा हुई। लोगों ने इस अभियान की जमकर तारीफ की और कहा कि इससे लोगों को जागरूकता मिलेगी और वे ठगी से बच पाएंगे।
साइबर ठगी के नए तरीके:
- डिजिटल अरेस्ट स्कैम: ठग खुद को पुलिस, सीबीआई, आरबीआई या किसी अधिकारी के रूप में पेश करते हैं। वे लोगों को डराकर पैसे ठगते हैं।
- फर्जी वेबसाइट और ऐप: बैंकिंग वेबसाइट जैसी नकली वेबसाइट बनाकर और फर्जी ऐप के जरिए निजी जानकारी चुराई जा रही है।
- फेक कस्टमर केयर नंबर: कस्टमर केयर नंबर की जगह फर्जी नंबर देकर, लोग ठगी का शिकार बन रहे हैं।
- लोन और पैसे का लालच: कम ब्याज दर पर लोन या पैसा दोगुना करने का लालच देकर रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य चार्ज के नाम पर ठगी की जाती है।
स्थानीय निवासियों की राय:
- संतोष रजक: ठग नकली वेबसाइट बनाकर लोगों से निजी जानकारी चुरा रहे हैं।
- रीहान खान: कस्टमर केयर अधिकारी बनकर ठग लोगों को विश्वास में लेते हैं और उनकी जानकारी हासिल कर ठगी करते हैं।
- उमर खान: मनी लॉन्ड्रिंग और गंभीर आरोप लगाकर ठग लोगों को डराते हैं और ठगी करते हैं।
- साहिल अहमद: रोजगार और पैसा दोगुना करने के नाम पर ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
- साकिफ खान: डिजिटल अरेस्ट और लोन के नाम पर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं।
निष्कर्ष:
साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। पत्रिका का “रक्षा कवच” अभियान लोगों को जागरूक कर रहा है, जिससे कई लोग साइबर ठगी से बच सकते हैं। यह अभियान वाकई सराहनीय कदम है।