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यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, एचआईवी (HIV) मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2019 की रिपोर्ट में बताया गया कि हर 1 मिनट 40 सेकंड में 20 साल से कम उम्र का एक युवा एचआईवी का शिकार हो रहा है। यह वायरस शरीर की सफेद रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है और अगर इलाज न किया जाए, तो संक्रमित व्यक्ति केवल 3 साल तक जीवित रह सकता है। आइए जानते हैं एचआईवी के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय।
एचआईवी के लक्षण
एचआईवी के तीन प्रमुख चरण होते हैं, जिनमें अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं:
- पहला चरण (प्रारंभिक संक्रमण):
- बार-बार बुखार और ठंड लगना
- शरीर पर लाल चकत्ते
- सिरदर्द और गर्दन में सूजन
- रात को पसीना आना
- माउथ और जेनिटल अल्सर
- हल्का जोड़ों का दर्द और थकावट
- दूसरा चरण (क्रोनिक संक्रमण):
इस चरण में वायरस तेजी से बढ़ता है और संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंधों के जरिए दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा अधिक होता है। - तीसरा चरण (गंभीर संक्रमण):
- निमोनिया
- लगातार थकावट और बुखार
- याददाश्त कमजोर होना
- डिप्रेशन और अन्य गंभीर समस्याएं
एचआईवी फैलने के कारण
- असुरक्षित यौन संबंध: बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाना एचआईवी संक्रमण का प्रमुख कारण है।
- संक्रमित सुइयों का उपयोग: सिरिंज या सुइयों को साझा करने से भी वायरस फैल सकता है।
- मां से बच्चे में संक्रमण: जन्म के दौरान या स्तनपान के जरिए एचआईवी संक्रमित मां से यह वायरस बच्चे में जा सकता है।
एचआईवी का इलाज
- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART):
यह उपचार एचआईवी संक्रमण को नियंत्रित करता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखता है और एड्स के विकास को रोकता है। - नियमित दवाइयां:
डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित दवाइयां लेने से संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण सलाह
- इस लेख का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना है। किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- सुरक्षित यौन संबंध बनाएं और सुइयों का साझा उपयोग न करें।
- संक्रमण से बचने के लिए नियमित जांच कराएं।