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मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में किडनी से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। सरकारी अस्पताल में हर महीने औसतन दो नए मरीज किडनी फेल्योर के साथ आ रहे हैं। मरीजों के लिए डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट ही मुख्य इलाज का विकल्प बचता है। लेकिन जिले में नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी विशेषज्ञ) और आईसीयू की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को भोपाल जैसे बड़े शहरों में जाना पड़ता है।
चिंताजनक स्थिति
✅ 2024 में 26 मरीज डायलिसिस के लिए पंजीकृत हुए थे।
✅ 2025 में अब तक 6 नए मरीज सामने आ चुके हैं।
✅ अधिकतर मरीज 35 से 50 वर्ष की उम्र के हैं, जिससे साफ है कि यह बीमारी कम उम्र में भी तेजी से फैल रही है।
किडनी फेल होने के मुख्य कारण
📌 मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर – सबसे बड़ा कारण।
📌 अत्यधिक दर्द निवारक दवाएं – लंबे समय तक पेनकिलर लेने से किडनी को नुकसान।
📌 अनियमित जीवनशैली – ज्यादा नमक, सॉफ्ट ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड फूड का सेवन हानिकारक।
📌 पानी की कमी – कम पानी पीने से किडनी पर असर और पथरी की समस्या।
📌 शराब और तंबाकू का सेवन – यूरिन इंफेक्शन के कारण किडनी कमजोर होती है।
📌 आनुवंशिक कारण – कुछ मामलों में यह बीमारी पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है।
बीमारी ने बदली जिंदगी
शांति नगर निवासी रवि (परिवर्तित नाम), उम्र 47, पिछले 5 साल से डायलिसिस पर हैं।
➡️ डायबिटीज और हाई बीपी के कारण उनकी किडनी खराब हो गई।
➡️ इलाज में सारी जमा पूंजी खर्च हो गई, नौकरी भी छूट गई।
➡️ पत्नी को बच्चों की परवरिश के लिए ट्यूशन पढ़ाने की मजबूरी आ गई।
➡️ रिश्तेदारों ने भी साथ छोड़ दिया, घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया।
आयुष्मान योजना से राहत
जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का संचालन एक निजी कंपनी के अनुबंध पर हो रहा है।
✔️ आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का फ्री इलाज किया जाता है।
✔️ टेक्नीशियन और स्टाफ की भी व्यवस्था की गई है।
इलाज की मौजूदा स्थिति
➡️ जिला अस्पताल में सिर्फ डायलिसिस की सुविधा है, नेफ्रोलॉजिस्ट और आईसीयू नहीं हैं।
➡️ गंभीर मरीजों को भोपाल या अन्य बड़े शहरों में रेफर किया जाता है।
➡️ 32 मरीजों की नियमित डायलिसिस हो रही है – कुछ को हफ्ते में 2 बार, कुछ को 3 बार।
विशेषज्ञ की राय
जिला अस्पताल की डायलिसिस प्रभारी डॉ. सुनील जैन ने बताया कि किडनी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
➡️ डायलिसिस की सुविधा तो उपलब्ध है, लेकिन विशेषज्ञों की कमी से मरीजों को परेशानी होती है।
➡️ उन्नत इलाज के अभाव में मरीजों को बड़े शहरों में जाना पड़ता है।
👉 सावधानी रखें, स्वस्थ रहें! समय पर जांच कराएं और अपनी जीवनशैली में सुधार करें।