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ग्रेटर नोएडा में धरना दे रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें बस में भरकर पुलिस लाइन ले जाया गया। ये किसान जीरो पॉइंट पर पंचायत करने के लिए इकट्ठा हुए थे। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
किसानों का विरोध प्रदर्शन
भारतीय किसान परिषद ने किसानों को जीरो पॉइंट पर आने के लिए बुलाया था। संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर जीरो पॉइंट पर पहुंचने की कोशिश की। किसानों ने कहा कि या तो उनके साथी को छोड़ा जाए, या फिर उन्हें भी जेल में डाल दिया जाए।
किसानों को गिरफ्तार किया गया
बीटा-2 क्षेत्र के परी चौक के पास पुलिस ने किसानों को जीरो पॉइंट पर पहुंचने से पहले ही रोक लिया और उन्हें जबरदस्ती बसों में बैठाकर पुलिस लाइन ले गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए महामाया और राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
किसानों की मांगें
किसानों की 12 मुख्य मांगें हैं, जिनमें MSP, कर्जा माफी, पेंशन, लखीमपुर खीरी कांड के आरोपियों को सजा, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा, भूमि अधिग्रहण पर किसानों को कलेक्टरेट रेट से चार गुना मुआवजा, और घरेलू किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए WTO और मुक्त व्यापार समझौतों से दूरी बनाना शामिल है।
किसानों का आंदोलन
किसान अपनी इन मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में कहा था कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे किसानों को जेल में डाल दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसान अपनी जमीन का मुआवजा नहीं मांग सकते? उन्होंने सरकार से अपील की कि वे किसानों से बात करें और उनकी समस्याओं का हल निकालें।