Related Articles
टीकमगढ़: जिले में खाद की भारी किल्लत हो रही है। किसानों को एक बोरी खाद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। पिछले साल की तुलना में इस बार जिले में खाद की कमी देखने को मिली है। जिले में रबी सीजन की बोवाई के लिए 50 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता थी, लेकिन अब तक सिर्फ 44,548 मीट्रिक टन खाद ही प्राप्त हुआ है, जिससे किसानों को भारी परेशानी हो रही है।
खाद की वितरण व्यवस्था में समस्या
किसान कह रहे हैं कि खाद का आवंटन समय पर नहीं आता, जिससे संकट बढ़ जाता है। अभी तक 37,726 मीट्रिक टन खाद वितरित किया गया है, और 6,942 मीट्रिक टन खाद का स्टॉक गोदाम में बाकी है।
निजी विक्रेताओं की मनमानी
निजी उर्वरक विक्रेता खाद की कमी का फायदा उठाकर महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं। कई विक्रेता तो सीमावर्ती जिलों से खाद मंहगे दामों पर बेच रहे हैं, जिससे यहां के किसान परेशान हो गए हैं।
एफआईआर और लाइसेंस निलंबन
जिले में खाद विक्रेताओं ने भी नियमों की अवहेलना की है। पुलिस ने 170 बोरी नकली डीएपी खाद और 150 बोरी अवैध खाद पकड़ी है। इसके साथ ही, दो खाद विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई है और दो के खाद विक्रय लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
कृषि विभाग की लापरवाही
कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों की समस्याओं पर गंभीर नहीं हैं। जब किसानों ने विभाग के अधिकारी से खाद की कमी की शिकायत की, तो उन्होंने फोन काट दिया।
खाद वितरण के आंकड़े:
- 50,000 मीट्रिक टन खाद की मांग थी
- 44,548 मीट्रिक टन खाद जिले को मिला
- 37,726 मीट्रिक टन खाद का वितरण किया गया
- 6,942 मीट्रिक टन खाद का स्टॉक बाकी है
किसानों की स्थिति
किसानों का कहना है कि यदि खाद समय पर मिल जाती तो इस परेशानी से बचा जा सकता था। डीएमओ टीकमगढ़ ने बताया कि आज रात डीएपी खाद की रैक आ रही है, और कुछ ही किसानों को खाद की जरूरत बची है।