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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 14 से 18 दिसंबर तक तीसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा। इस मुकाबले से पहले भारतीय गेंदबाजों के प्रदर्शन को लेकर पूर्व खिलाड़ियों ने अपनी चिंता जताई है।
बुमराह पर अधिक निर्भरता
पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि टीम इंडिया गेंदबाजी के लिए जसप्रीत बुमराह पर काफी निर्भर है। बुमराह ने अब तक दो मैचों में 12 विकेट लिए हैं और वह सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। लेकिन बाकी तेज गेंदबाजों से उन्हें ज्यादा सहयोग नहीं मिल पाया है।
मोहम्मद सिराज ने नौ विकेट लिए हैं, जबकि नए खिलाड़ियों हर्षित राणा और नितीश कुमार रेड्डी ने क्रमशः पांच और दो विकेट लिए हैं। गावस्कर का कहना है कि सिराज को पारी में पांच विकेट लेने की आदत डालनी होगी। हर्षित राणा ने पर्थ में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन एडिलेड में वह अपनी लय नहीं बना पाए।
स्पिनर को लेकर चर्चा
पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का कहना है कि ब्रिसबेन टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को मौका मिलना चाहिए। हरभजन के अनुसार, रविचंद्रन अश्विन दूसरे टेस्ट में बल्ले से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए और गेंदबाजी में भी सिर्फ एक विकेट लिया। वाशिंगटन ने पर्थ में बेहतर प्रदर्शन किया था और उन्हें खेलने का आत्मविश्वास मिलेगा।
चेतेश्वर पुजारा ने भी हरभजन के सुझाव का समर्थन किया। पुजारा का कहना है कि बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए वाशिंगटन को खिलाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
वहीं, पूर्व लेग स्पिनर पीयूष चावला का मानना है कि अश्विन को टीम में बनाए रखना चाहिए। उन्होंने दूसरे टेस्ट में 18 ओवर में 50 रन देकर काबू में गेंदबाजी की और एक विकेट लिया। चावला ने कहा कि हार के बाद ज्यादा बदलाव करना मुश्किलें बढ़ा सकता है।
निरंतरता की जरूरत
पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज दीप दासगुप्ता का मानना है कि प्लेइंग इलेवन में ज्यादा बदलाव करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ी से अच्छा प्रदर्शन करवाना है, तो उसे टीम में सुरक्षा महसूस होनी चाहिए।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम क्या बदलाव करती है और किसे मौका मिलता है।