किसान अपनी मांगों को लेकर शनिवार को तीसरी बार दिल्ली कूच के लिए निकले, लेकिन इस बार भी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच टकराव हुआ, जिसमें पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
दिल्ली कूच में बाधा
पंजाब के किसान, जो पिछले 10 महीनों से अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, शनिवार को शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए निकले। हालांकि, पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर उन्हें रोक दिया। जब किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की, तो पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे।
किसानों का आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने गंदा पानी और केमिकल स्प्रे का इस्तेमाल किया। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि ड्रोन से भी आंसू गैस के गोले फेंके गए। उन्होंने पुलिस पर एक्सपायरी डेट के गोले इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा कि अगर किसानों के पास दिल्ली जाने की अनुमति है, तो वे खुद उन्हें दिल्ली तक छोड़ने को तैयार हैं। लेकिन बिना अनुमति दिल्ली कूच करना संभव नहीं है।
किसानों का बड़ा एलान
किसानों ने शंभू बॉर्डर पर दो घंटे संघर्ष के बाद वापस लौटकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने एलान किया:
- 16 दिसंबर को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च होगा।
- 18 दिसंबर को पंजाब में ट्रेनें रोकी जाएंगी।
किसानों का संदेश
किसानों ने कहा, “हमारी आवाज को कुचला न जाए। देशभर के किसान मिलकर अपनी मांगें उठाएंगे, तो हमारी आवाज दबाई नहीं जा सकेगी। हरियाणा पुलिस को जनता को गुमराह करने से बचना चाहिए।”
किसानों का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए।