दालें प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, लेकिन इन्हें सही तरीके से खाना बहुत जरूरी है। दालों का प्रोटीन अपने आप में पूरा नहीं होता, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि दाल खाना छोड़ दें। सही तरीके से खाने पर ही दालें सेहत के लिए फायदेमंद बनती हैं।
दालें कैसे खाएं?
- अनाजों के साथ खाएं: दालों को चावल, रोटी या मल्टीग्रेन आटे के साथ मिलाकर खाएं। इससे पोषण बढ़ जाता है।
- भिगोकर पकाएं: दालों को पकाने से पहले 2-3 घंटे पानी में भिगोएं। इससे फाइटेट नाम का हानिकारक तत्व निकल जाता है और पोषण पूरा मिलता है।
किडनी और यूरिक एसिड के मरीज भी खा सकते हैं
- दालों से यूरिक एसिड नहीं बढ़ता। किडनी रोगी भी राजमा, सोयाबीन जैसी दालें खा सकते हैं, बस इन्हें भिगोकर और सही तरीके से पकाएं।
- बिना डॉक्टर की सलाह के दालें खाना बंद न करें। दालों से किडनी में स्टोन नहीं बनते।
पारंपरिक तरीके अपनाएं
- सत्तू, बेसन, भुना चना, मंगोड़ी, पकौड़े और अंकुरित दालें खाकर इसकी पौष्टिकता बढ़ाई जा सकती है।
किन बीमारियों में फायदेमंद?
- डायबिटीज के मरीज स्प्राउट्स (अंकुरित दालें) खा सकते हैं क्योंकि इसमें शुगर कम होती है।
- कब्ज में राहत: छिलके वाली दालों में फाइबर होता है, जो पाचन को ठीक करता है।
- कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार: दालों का फाइबर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालता है।
शाकाहारी डाइट के लिए जरूरी
- अगर आप सिर्फ शाकाहारी भोजन करते हैं, तो चिंता न करें। दालों को अनाज के साथ खाने पर आपको पूरा प्रोटीन मिलता है और डाइट पूरी होती है।
– पूनम तिवारी, आहार विशेषज्ञ