17 फरवरी 2024 को मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए एक यादगार दिन था। इस दिन भाजपा के कथित ऑपरेशन कमल के बाद कांग्रेस में सियासी हलचल मच गई थी। अटकलें थीं कि वरिष्ठ नेता कमलनाथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भाजपा जॉइन कर ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह मुद्दा गर्माया था, क्योंकि सवाल उठने लगे थे कि क्या कमलनाथ यात्रा में शामिल होंगे या नहीं। अंत में, कमलनाथ यात्रा में शामिल हुए और पूरी यात्रा में साथ रहे।
दिसंबर 2024 में राहुल गांधी ने दिल्ली में कमलनाथ के घर जाकर यह स्पष्ट किया कि उनका कद पार्टी में बरकरार है। इस दौरान कांग्रेस में एकजुटता की कोशिशें तेज हो गईं।
इस एक साल में, कांग्रेस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जैसे कि कमलनाथ के करीबी नेता भाजपा में शामिल हो गए। इनमें पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना और छिंदवाड़ा विधायक संजय शाह शामिल थे। इसके अलावा, कई अन्य नेताओं ने भाजपा का दामन थामा, जिनमें विधायक राम निवास रावत, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी भी थे।
लेकिन कांग्रेस ने इस एक साल में अपनी स्थिति को मजबूत किया। विजयपुर उपचुनाव में मंत्री रामनिवास को हराया और बुदनी उपचुनाव में हार का अंतर कम किया। पार्टी ने महू में एक सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए।