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हनुमानगढ़: मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को पिछले पांच महीने से मजदूरी नहीं मिली है, जिससे वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। जिले में करीब 80 हजार मजदूरों की मजदूरी बकाया है, जिसकी राशि 39 करोड़ रुपये बताई जा रही है। मजदूरों को भुगतान करने के लिए बिल मुख्यालय भेजे गए, लेकिन सरकार की मंजूरी नहीं मिलने से भुगतान अटका हुआ है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बकाया मजदूरी
- हनुमानगढ़ जिले में 2.89 लाख जॉब कार्ड धारक हैं।
- ग्रामीण इलाकों में 39 करोड़ का भुगतान अटका हुआ है।
- शहरी इलाकों में भी 1 करोड़ रुपये की मजदूरी बकाया है।
- पिछले पांच महीनों से मजदूरों को पैसे नहीं मिले, जिससे उनका गुजारा करना मुश्किल हो रहा है।
मजदूरों का प्रदर्शन
- मजदूरी भुगतान की मांग को लेकर जिला परिषद कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया।
- 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी करने, पानी, दवाई और छाया की सुविधा देने की मांग की गई।
- भूमिहीनों को जमीन देने और प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की मांग उठाई गई।
- मजदूरों ने कार्यालय के अंदर धरना दिया, जिसके बाद प्रशासन से वार्ता हुई और भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया गया।
मजदूरों का सरकार और प्रशासन पर आरोप
- खेत मजदूर यूनियन के नेता रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि मजदूरों ने ठंड में कड़ी मेहनत की, लेकिन सरकार उनकी मजदूरी नहीं दे रही है।
- हनुमानगढ़ विकास अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए।
- कई पंचायतों में मनरेगा का काम बंद पड़ा है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा।
सभा में सुरेश जोड़किया, वेद मक्कासर, रामप्रताप, सुखपाल सिंह, सज्जन सिंह, कृपाराम, मेवाराम कालवा सहित कई लोग मौजूद रहे।