गर्मी आते ही बढ़ी मटकों की मांग, देसी फ्रिज बना लोगों की पहली पसंद
admin
2 weeks ago
जिला, भारत, राज्य
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गर्मी का मौसम शुरू होते ही मिट्टी के मटकों की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। खासकर बस्तर में इन मटकों की बिक्री जोरों पर हो रही है। तेज धूप और बढ़ते तापमान के बीच लोग ठंडे पानी के लिए देसी फ्रिज यानी मटकों की ओर रुख कर रहे हैं।
बस्तर में मटकों की जमकर बिक्री
बस्तर और आसपास के गांवों में कुम्हारों द्वारा बनाए गए मटके बाजारों में धड़ल्ले से बिक रहे हैं। गुरुवार को देवड़ा गांव से वाहनों में लाकर मटके बेचे गए। इनकी कीमत 100 रुपये या उससे अधिक है।
कैसे ठंडा रखता है मटका का पानी?
मिट्टी के बने मटकों में छोटे-छोटे छिद्र (पोर) होते हैं, जिससे पानी धीरे-धीरे वाष्पीकरण की प्रक्रिया से ठंडा रहता है। यही वजह है कि मटका गर्मी में भी ठंडे पानी का प्राकृतिक स्रोत बना रहता है।
मटका बनाने की प्रक्रिया
- मिट्टी को पानी में भिगोकर नरम किया जाता है।
- छानकर उसमें से कंकड़ और गंदगी हटाई जाती है।
- मिट्टी से मटके, सुराही और अन्य बर्तन बनाए जाते हैं।
- फिर इन्हें भट्टी में पकाया जाता है, ताकि मटके मजबूत बनें।
- बाजारों में थोक रेट पर इनकी बिक्री होती है।
मटकों की सप्लाई बड़े शहरों तक
बस्तर में बने मटकों की अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर, भोपाल, इंदौर और ग्वालियर तक सप्लाई की जाती है। बढ़ती गर्मी के कारण मिट्टी के बर्तनों की मांग लगातार बढ़ रही है और लोग फिर से देसी तरीकों की ओर लौट रहे हैं