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हनुमानगढ़: जंक्शन क्षेत्र में 30 बेड के नए राजकीय अस्पताल के स्थाई भवन में शिफ्ट होने से लोगों को बड़ी राहत मिली है। पहले यह अस्पताल एक जर्जर भवन में संचालित था, लेकिन अब मापदंडों के अनुरूप नए और बड़े भवन में चलने से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
ओपीडी तीन गुना तक बढ़ी
अस्पताल के प्रभारी डॉ. इंद्रसेन जाजड़ा के अनुसार, पहले ओपीडी औसतन 200 मरीजों की थी, जो अब तीन गुना तक बढ़ चुकी है। वर्तमान में अस्पताल में तीन डॉक्टर कार्यरत हैं।
इनडोर सेवाओं से भी मिल रहा लाभ
पहले पुराने भवन में जगह की कमी के कारण रोगियों को इनडोर चिकित्सा सेवा का पूरा लाभ नहीं मिल पाता था। लेकिन अब नए भवन में वार्ड की सुविधा शुरू हो गई है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है।
जिला अस्पताल का भी दबाव हुआ कम
नए अस्पताल के खुलने से जंक्शन क्षेत्र के मरीजों को नजदीक में ही इलाज मिल रहा है, जिससे टाउन स्थित जिला अस्पताल पर भी रोगियों का भार थोड़ा कम हुआ है।
अस्पताल में स्टाफ बढ़ाने की जरूरत
बढ़ते रोगी भार को देखते हुए अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के पद बढ़ाने की आवश्यकता है। अगर कोई पद खाली है, तो उसे तुरंत भरा जाना चाहिए ताकि मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
लंबे संघर्ष के बाद मिला नया भवन
इस अस्पताल के लिए नए भवन का निर्माण आसान नहीं था। 2013-14 में इसके लिए प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन सरकारी तकनीकी दिक्कतों के कारण प्रस्ताव कई बार खारिज किए गए। राजस्थान पत्रिका और जागरूक नागरिकों के प्रयासों से यह मुद्दा उठा और आखिरकार अस्पताल को नया भवन मिला।
📌 निष्कर्ष: नए भवन में अस्पताल का संचालन शुरू होने से इलाज की सुविधाएं बढ़ गई हैं, ओपीडी तीन गुना तक बढ़ चुकी है, और इनडोर सेवाएं भी उपलब्ध हो रही हैं। अब जरूरत है कि स्टाफ बढ़ाकर अस्पताल को और मजबूत किया जाए।