जयपुर: तम्बाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, फिर भी इसका उपयोग बढ़ रहा है। न केवल युवा बल्कि किशोर भी इसकी लत में फंस रहे हैं। यह शौक के तौर पर शुरू होती है, लेकिन बाद में लत बन जाती है और कई बीमारियों का कारण बनती है। तम्बाकू छोड़ने में लोगों को शर्म और संकोच होता है, इसलिए नशा मुक्ति केंद्रों पर तम्बाकू छोड़ने वालों की संख्या बहुत कम है।
मनोचिकित्सकों के अनुसार, जयपुर के अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना 100 से अधिक लोग नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। इनमें से ज्यादातर शराब छोड़ने वाले होते हैं, जबकि तम्बाकू छोड़ने वालों की संख्या 25 फीसदी से भी कम है। एमएमएस अस्पताल के ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉ. पवन सिंघल ने बताया कि ओपीडी में तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के रोगियों में बच्चे और युवा शामिल हैं। इनमें कई लोग मुंह और गले के कैंसर का शिकार हो रहे हैं। तम्बाकू छोड़ने के लिए परिजनों को भी सहयोग देना होगा।
भारत में तम्बाकू की स्थिति
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सालाना मुंह के कैंसर के लगभग 77 हजार नए केस आते हैं और 52 हजार से ज्यादा मौतें होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में अभी भी 25.1 करोड़ से ज्यादा लोग तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं, जिनमें 79 फीसदी पुरुष और 21 फीसदी महिलाएं हैं।
तम्बाकू के दुष्परिणाम
- कैंसर
- ह्रदय और फेफड़ों की समस्या
- ह्रदय की नसों का सिकुड़ना, स्ट्रोक
- अस्थमा
तम्बाकू की लत के कारण
जयपुर मनोचिकित्सा केंद्र के डॉ. धर्मदीप सिंह ने बताया कि युवा और किशोरों में तम्बाकू की लत के केस लगातार बढ़ रहे हैं। फिल्में और वेबसीरीज देखकर बच्चे और युवा इसका सेवन करने लगते हैं। धीरे-धीरे यह लत बन जाती है और उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
तम्बाकू से छुटकारा कैसे पाएं
मनोचिकित्सकों का कहना है कि तम्बाकू की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए इलायची, अजवाइन और सौंफ का सेवन करें। हेल्दी डाइट लें, फलों का सेवन करें और नियमित व्यायाम करें। खुद को सकारात्मक रखें।