राजस्थान में जल्द ही बिजली की दरें बढ़ सकती हैं। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने संकेत दिया है कि पिछली कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन के चलते बिजली उत्पादन की लागत बढ़ गई है, जिसका बोझ आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार होगी।
बिजली उत्पादन की लागत बढ़ी
नागर ने बताया कि बिजली कंपनियों की फिक्स और वेरिबल कोस्ट होती है। पिछली कांग्रेस सरकार ने महंगा और इम्पोर्टेड कोयला खरीदा, जिससे उत्पादन निगम की वेरिबल कोस्ट बढ़ी। गहलोत सरकार ने रबी की फसल के समय बिजली बैंकिंग से उधार ली थी, जिसे महंगे दामों में खरीदकर लौटाना पड़ रहा है। इससे भी कंपनियों की लागत बढ़ गई है।
फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हाल ही में बढ़ाए गए फ्यूल सरचार्ज के लिए भी कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। कांग्रेस के शासनकाल में बिजली उत्पादन पर ध्यान नहीं दिया गया और महंगे दर पर कोयला और बिजली खरीदी गई, जिससे प्रति यूनिट की लागत बढ़ गई। इसके चलते फ्यूल सरचार्ज बढ़ाना पड़ा।
उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
हीरालाल नागर ने बताया कि वर्तमान सरकार ने केंद्र सरकार के उपक्रमों के साथ एमओयू किए हैं और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया है। हाल ही में कैबिनेट ने केंद्रीय उपक्रमों के साथ जॉइंट वेंचर करने की अनुमति दी है, जिससे प्रदेश में तेजी से बिजली का उत्पादन बढ़ेगा और वित्तीय सहायता भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में राजस्थान को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिससे बिजली की कमी और दरों में वृद्धि नहीं होगी। इन जॉइंट वेंचर में राज्य सरकार की कंपनियों की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत और केंद्रीय पीएसयू कंपनियों की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत रहेगी।