Dhanteras 2023: हिन्दू धर्म में धनतेरस का बहुत महत्व माना जाता है। दिवाली की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के दिन कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि कब है इस साल धनतेरस। साथ ही, जानेंगे इस दिन का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ 10 नवंबर, दिन शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट पर होगा। वहीं, अगले दिन 11 नवंबर, दिन शनिवार को दोपहर 1 बजकर 56 मिनट पर तिथि का समापन होगा। धनतेरस के दिन कुबेर देव और मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। ऐसे में इस इन प्रदोष काल 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
धनतेरस के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का समय 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 46 मिनट से शाम 7 बजकर 43 मिनट है। इस अवधि में धनतेरस की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। पूजा मुहूर्त में आप चाहें तो घर में श्री, लक्ष्मी, गणेश, कुबेर आदि यंत्र की स्थोना भी कर सकते हैं।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर आसन पर बैठ कर धनवंतरी भगवान और माता लक्ष्मी का ध्यान करें। उनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद दिन भर में आप जो भी शुभ वस्तु घर लाना चाहें ला सकते हैं। शाम के समय प्रदोष काल में स्नान कर वस्त्र बदलें और कुबेर देव एवं मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं, नए वस्त्र धारण कराएं, तिलक लगाएं और दोनों को फल, फूल, मिष्ठान, धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं। कुबेर देव और मां लक्ष्मी के स्तोत्र का पाठ करें। अंत में दोनों की आरती गाएं।