Related Articles
सिवनी/उगली: छिंदवाड़ा जिले में किसानों को मिलने वाली डीएपी उर्वरक की 40 बोरी को बेचने का मामला सामने आया है। यह डीएपी केवलारी विकासखंड के ग्राम पांडियाछपारा स्थित सेवा सहकारी समिति से एक वाहन में भरकर दूसरे जिले में बेचा जा रहा था। इस मामले की जब्ती के बाद, केवलारी के एसडीएम महेश अग्रवाल ने जांच शुरू कर दी है।
सोमवार को, उगली वृत के नायब तहसीलदार बीपी दुबे ने बताया कि डीएपी की कालाबाजारी करने वाले वाहन को ग्रामीण पूनाराम चौधरी और विवेक सोनवाने ने पकड़ लिया। इसके बाद, पंचनामा बनाकर उगली थाना प्रभारी को सौंपा गया और आवश्यक दस्तावेज एसडीएम महेश अग्रवाल को सौंपे गए। कृषि विभाग के सहायक संचालक पवन गौरव ने कहा कि पंचनामा मिलने के बाद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। थाना प्रभारी सदानंद गोदेवार ने बताया कि एफआईआर दर्ज होने के बाद सोसायटी प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
किसानों को ठगने का खेल जारी
जिले में किसानों को हमेशा डीएपी और यूरिया की कमी बताकर ठगा जाता है, और कभी अमानक उर्वरक बेचे जाते हैं। इस तरह के मामले हर साल सामने आते हैं। 8 नवम्बर को भी एक मामला सामने आया था जिसमें अमानक उर्वरक बेचने पर एफआईआर दर्ज की गई थी। यह मामला केवलारी थाना क्षेत्र से था, जिसमें आरोपी प्रकाश चौधरी ने बिना लाइसेंस के 30 बोरी डीएपी बेची थी, जो अमानक पाई गई। आरोपी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और उर्वरक नियंत्रण आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
चार सदस्यीय दल की जांच
कृषि विभाग ने जिले में किसानों को अमानक उर्वरक और बीज देने की शिकायतों पर जांच और कार्रवाई के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की है। यह टीम शिकायतों के आधार पर मौके पर जाकर जांच करेगी। टीम के प्रभारी सहायक संचालक कृषि प्रफुल्ल घोड़ेश्वर ने बताया कि इस टीम में सहायक संचालक कौरव और क्षेत्रीय एसएडीओ भी शामिल हैं।