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भोपाल।
मध्यप्रदेश में मकान मालिकों और किराएदारों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार 14 साल पुराने किराएदारी एक्ट में संशोधन करने की तैयारी कर रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है। यह एक्ट पूरे प्रदेश में लागू होगा।
क्यों हो रहा है बदलाव?
कई बार देखा गया है कि किराएदार मकान का किराया देना बंद कर देते हैं और मकान खाली करने से इनकार कर देते हैं। ऐसे मामलों में पुलिस इसे सिविल कोर्ट का मामला बताकर कोई कार्रवाई नहीं करती। इन्हीं विवादों को खत्म करने के लिए सरकार किराएदारी एक्ट में बदलाव करने जा रही है।
नए एक्ट के मुख्य प्रावधान
- एग्रीमेंट अनिवार्य होगा:
मकान किराए पर देने से पहले मकान मालिक और किराएदार के बीच एग्रीमेंट अनिवार्य होगा। - दोगुना-चौगुना किराया:
यदि किराएदार मकान खाली नहीं करता है, तो शुरू के दो महीने के लिए दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया जुर्माने के रूप में देना होगा। - नियंत्रित किराए में बढ़ोतरी:
किराए में हर साल सिर्फ एग्रीमेंट के अनुसार ही बढ़ोतरी की जा सकेगी। तय सीमा से अधिक किराया नहीं बढ़ाया जा सकेगा। - शहरी से ग्रामीण इलाकों तक लागू होगा:
पहले यह एक्ट सिर्फ शहरी इलाकों में लागू था, लेकिन अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
यह नया एक्ट मकान मालिक और किराएदारों के बीच होने वाले विवादों को कम करने में मदद करेगा।