COPD (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) एक गंभीर और लंबे समय तक रहने वाली फेफड़ों की बीमारी है। इसे “धीमी मौत” भी कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे सांस लेने की क्षमता को प्रभावित करती है। आइए इसे सरल भाषा में समझते हैं।
सीओपीडी क्या है?
सीओपीडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों के अंदर की हवा के रास्ते संकुचित हो जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
यह दो मुख्य समस्याओं से जुड़ी होती है:
- क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस: फेफड़ों के रास्तों में सूजन और बलगम का बढ़ना।
- एम्फाइसेमा: फेफड़ों की वायु थैलियों का धीरे-धीरे नष्ट होना।
सीओपीडी के मुख्य कारण
इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है, लेकिन इसके अन्य कारण भी हो सकते हैं:
- वायु प्रदूषण।
- हानिकारक गैसों के संपर्क में आना।
- बचपन में फेफड़ों के संक्रमण।
- आनुवंशिक कारण, जैसे अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन की कमी।
सीओपीडी के लक्षण
सीओपीडी के लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं:
- लगातार खांसी और बलगम।
- शारीरिक गतिविधि के दौरान सांस फूलना।
- छाती में जकड़न।
- बार-बार फेफड़ों का संक्रमण।
- थकान और कमजोरी।
सीओपीडी का इलाज और प्रबंधन
सीओपीडी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है:
- धूम्रपान छोड़ना: यह सबसे जरूरी कदम है।
- दवाइयां: ब्रोंकोडायलेटर्स और स्टेरॉयड।
- ऑक्सीजन थेरेपी: गंभीर मामलों में फायदेमंद।
- फिजिकल थेरेपी: फेफड़ों की ताकत बढ़ाने के लिए।
- गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
सीओपीडी से बचाव के तरीके
सीओपीडी से बचने के लिए यह कदम उठाएं:
- धूम्रपान न करें।
- वायु प्रदूषण से बचें।
- हानिकारक गैसों या धूल के संपर्क में आने पर मास्क पहनें।
- स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- फेफड़ों के संक्रमण का समय पर इलाज कराएं।
नोट: यह बीमारी धीरे-धीरे शरीर को कमजोर कर सकती है। यदि आप इन लक्षणों को महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वस्थ जीवनशैली और जागरूकता से इसे रोका जा सकता है।