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गर्मी में जंगलों में आग का खतरा बढ़ा
छत्तीसगढ़ में गर्मी शुरू होते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। 1 जनवरी से 16 मार्च तक कुल 8148 स्थानों पर आग लग चुकी है। खासकर पिछले 16 दिनों में 6962 जगहों पर आग लगी है। होली के दौरान तीन दिनों में 2100 स्थानों पर आग लगी, जबकि रविवार को 753 स्थानों पर आग जल रही थी।
वन विभाग सतर्क, आग बुझाने के निर्देश
जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने अपने अमले को अलर्ट कर दिया है। सभी वन अधिकारियों और कर्मचारियों को आग बुझाने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि समय रहते आग को रोका जा सके और जंगलों को नुकसान से बचाया जा सके। पिछले 14 सालों में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में 149% की बढ़ोतरी हुई है।
लापरवाही से आग की घटनाओं पर सख्ती
आग की घटनाओं को रोकने के लिए वनकर्मियों, फायर वॉचर्स, वन ग्राम समितियों और तेन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अप्रैल में तेन्दूपत्ता संग्रहण शुरू होते ही लापरवाही से आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
आग लगने के मुख्य कारण:
- बीड़ी-सिगरेट पीकर जंगल में फेंकना।
- महुआ के पेड़ों के नीचे आग जलाना।
इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और चेतावनी दी गई है कि अगर कोई जानबूझकर आग लगाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
आग रोकने के लिए होगी कार्रवाई
मुख्य वन संरक्षक (PCCF) वी. श्रीनिवास राव ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारियों को आग से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही जो लोग जंगलों में आग लगाने की घटनाओं को अंजाम देंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
🔥 आग रोकने के लिए वन विभाग पूरी तरह से सतर्क है और जरूरी कदम उठा रहा है।