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बिहार बोर्ड रिजल्ट से पहले क्यों होता है टॉपर्स का इंटरव्यू? जानिए वजह

बिहार बोर्ड रिजल्ट: बिहार बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं, और अब छात्र रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 10वीं की परीक्षाएं 17 से 25 फरवरी और 12वीं की परीक्षाएं 1 से 15 फरवरी तक आयोजित की गई थीं। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक 12वीं का रिजल्ट जारी हो सकता है।

रिजल्ट जारी करने से पहले क्यों होता है टॉपर्स का इंटरव्यू?

बिहार बोर्ड रिजल्ट घोषित करने से पहले टॉपर्स का इंटरव्यू लेता है। इसके पीछे एक खास वजह है। पहले कॉपी जांची जाती है, फिर अंकों के आधार पर टॉपर्स की लिस्ट तैयार होती है। लेकिन टॉपर्स का नाम फाइनल करने से पहले उनका इंटरव्यू लिया जाता है

इंटरव्यू क्यों जरूरी है?

बिहार में पहले परीक्षा में धांधली और नकल के कई मामले सामने आए थे। खासकर 2016 में, जब 12वीं की टॉपर रूबी रॉय ने मीडिया इंटरव्यू में पॉलिटिकल साइंस को “प्रोडिकल साइंस” कहा और बताया कि इस विषय में खाना बनाना सिखाया जाता है। यह सुनकर पूरे देश में बिहार बोर्ड की बदनामी हुई। इसके बाद सरकार और शिक्षा विभाग पर सवाल उठने लगे।

इसी तरह, और भी टॉपर्स के गलत जवाब सामने आए, जिससे बिहार बोर्ड की छवि खराब हुई। इस तरह की गलतियों से बचने के लिए अब टॉपर्स का इंटरव्यू जरूरी कर दिया गया है।

कैसा होता है टॉपर्स का इंटरव्यू?

बिहार बोर्ड टॉपर्स का वेरिफिकेशन करने के लिए इंटरव्यू लेता है। इस दौरान:
13-14 परीक्षक टॉपर्स से सवाल पूछते हैं।
30-40 सवाल बोर्ड के सिलेबस से पूछे जाते हैं।
इंग्लिश में परिचय देना होता है।
हैंडराइटिंग मिलान की जाती है, ताकि कोई और परीक्षा न देकर आया हो।
✅ अगर कोई छात्र इंटरव्यू में फेल हो जाता है, तो उसका रिजल्ट बदल दिया जाता है।

निष्कर्ष

बिहार बोर्ड धांधली और गलत टॉपर्स की घटनाओं से बचने के लिए यह प्रक्रिया अपनाता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि टॉपर वही हो, जिसने सच में मेहनत से परीक्षा दी है।

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