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टीकमगढ़ जिले के मऊबुजुर्ग गांव में कुछ व्यापारियों द्वारा किसानों के साथ धोखा किया जा रहा था। वे नकली डीएपी और सुपर फास्फेट खाद बना रहे थे। पुलिस ने छापेमारी कर लगभग 170 बोरियां नकली डीएपी खाद की जब्त की और 4 मजदूरों को गिरफ्तार किया है।
नकली खाद बनाने की जानकारी मिली मुखबिर से
पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि मऊबुजुर्ग गांव में एक नवनिर्मित मकान में नकली डीएपी खाद बनाई जा रही है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वहां छापा मारा और 170 बोरियां नकली खाद की बरामद की। साथ ही चार मजदूरों को गिरफ्तार किया, जो इस नकली खाद को तैयार कर रहे थे।
कृषि विभाग ने की खाद की जांच
पुलिस ने तुरंत कृषि विभाग को सूचना दी। वरिष्ठ कृषि अधिकारी अनुराग तिवारी और उनकी टीम मौके पर पहुंचे और खाद की जांच की। जांच में यह खाद सुपर फास्फेट जैसी थी, जो डीएपी के नाम पर बेची जा रही थी।
मौके पर नहीं मिले मकान मालिक और कुछ मजदूर
मऊबुजुर्ग निवासी प्रताप घोष उर्फ डॉक्टर के नवनिर्मित मकान में यह नकली खाद बनाई जा रही थी। हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पहले मकान मालिक प्रताप घोष और दो मजदूर फरार हो गए।
पुलिस और कृषि विभाग की कार्रवाई
पुलिस टीम में एएसआई कल्याण सिंह, प्रधान आरक्षक आनंद सुडेले, अजय शुक्ला, अनिल रिछारिया, और आरक्षक अभय वर्मा शामिल थे। कृषि विभाग की टीम ने भी मौके पर पंचनामा कार्रवाई की।
इस कार्रवाई के बाद पुलिस ने नकली खाद बनाने वाले व्यापारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है, ताकि किसानों को इस तरह के धोखे से बचाया जा सके।