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भरतपुर के बयाना से खाटू श्याम बाबा के दर्शन के लिए एक दंपति ने 250 किमी की दूरी दंडवत करके तय की। इस यात्रा में उन्हें दो महीने का समय लगा और इस दौरान उनका एक रुपया भी खर्च नहीं हुआ। श्याम भक्तों ने ही उनके खाने-पीने और ठहरने का पूरा इंतजाम किया।
मनोकामना पूरी होने पर शुरू की यात्रा
चतर सिंह गुर्जर और उनकी पत्नी रूपल देवी ने अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद 2 अक्टूबर को अपनी दंडवत यात्रा शुरू की। उन्होंने अपने साथ एक हाथ ठेला लिया, जिस पर बाबा श्याम का चित्र रखा था और उसी में अपना एक दिन का खाना रखा था। यात्रा के दौरान श्याम भक्तों ने उनकी मदद की और हर जगह उन्हें ठहरने और खाने की व्यवस्था की।
एक साथ तो कभी अलग-अलग दंडवत
पति-पत्नी ने यात्रा शुरू करते समय एक साथ दंडवत किया, लेकिन कभी-कभी थकान की वजह से एक व्यक्ति अकेला दंडवत करता, जबकि दूसरा उसकी मदद करने के लिए ठेला धक्का देता। जब दोनों को लगता कि वे एक साथ दंडवत कर सकते हैं, तो वे साथ-साथ यात्रा करते थे।
खुश होकर पहुंचे रींगस
करीब दो महीने की यात्रा के बाद दोनों रींगस पहुंचे और श्याम गेट के पास फिर से दंडवत करते नजर आए। इस यात्रा के दौरान श्याम बाबा की कृपा से उनकी कोई कठिनाई नहीं आई, और सभी भक्तों ने उनकी मदद की।