चंडीगढ़-पंजाब
26 नवंबर को तड़के करीब ढाई बजे पुलिस ने किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर उनके टेंट से उठाकर अस्पताल भेज दिया। इसके बाद किसानों ने 1 दिसंबर को संगरूर में मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान किया। शुक्रवार को खनौरी में पुलिस और किसान नेताओं की बैठक के बाद फैसला हुआ कि डल्लेवाल को डीएमसी अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
आमरण अनशन की शुरुआत
जगजीत डल्लेवाल ने शुक्रवार रात 12 बजे खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू किया। उन्हें शाम 8 बजे डीएमसी अस्पताल से छुट्टी मिली। किसान नेता सरवण सिंह पंधेर और उनके साथी डल्लेवाल को लेने लुधियाना पहुंचे।
अस्पताल से बाहर आते ही डल्लेवाल ने कहा कि उनका अनशन अस्पताल में भी जारी था और अब खनौरी बॉर्डर पर भी जारी रहेगा। उन्होंने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार ने उनका आंदोलन खत्म करने की साजिश की, लेकिन वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।
एमएसपी की मांग और किसानों की स्थिति
डल्लेवाल ने कहा कि किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग कर रहे हैं। एमएसपी मिलने से किसान धान की जगह अन्य फसलें उगा सकेंगे, जिससे पंजाब का जल संकट भी दूर होगा। उन्होंने कहा कि जब किसान समर्थ होगा, तभी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
अस्पताल में जांच न होने का आरोप
डल्लेवाल ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उनका कोई टेस्ट नहीं किया गया, यहां तक कि ब्लड प्रेशर भी नहीं चेक हुआ। उन्होंने कहा कि डॉक्टर उनसे अनशन तोड़ने की बात करते रहे, लेकिन उन्होंने किसी की बात नहीं मानी।
आगे की रणनीति
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि शनिवार को खनौरी में मोर्चे की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का भी फैसला लिया जाएगा।
बैठक और समझौता
शुक्रवार को पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच खनौरी बॉर्डर पर डेढ़ घंटे की बैठक हुई। इसमें पुलिस ने किसानों की मांग मानते हुए डल्लेवाल को अस्पताल से रिहा करने पर सहमति जताई। बैठक में पटियाला रेंज के डीआईजी मंदीप सिंह सिद्धू और एसएसपी डॉ. नानक सिंह मौजूद थे।
किसानों ने स्पष्ट किया कि वे अपने हक लेकर रहेंगे और संघर्ष जारी रहेगा।