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तंजावुर कांस्य मूर्ति: ब्रिटेन ने भारत को लौटाने का किया वादा, तमिलनाडु से हुई थी चोरी

नई दिल्ली
तमिलनाडु के तंजावुर जिले से चोरी हुई तिरुमंगई अलवर की प्राचीन कांस्य मूर्ति को ब्रिटेन वापस भारत लाने पर सहमत हो गया है। यह मूर्ति ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एशमोलियन संग्रहालय में रखी हुई थी, जिसे 1967 में खरीदा गया था। तमिलनाडु आइडल विंग सीआईडी की लगातार कोशिशों के बाद यह सफलता मिली है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का पत्र
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने हाल ही में तमिलनाडु आइडल विंग सीआईडी पुलिस को पत्र लिखकर मूर्ति को भारत वापस करने की प्रतिबद्धता जताई है। विश्वविद्यालय ने मूर्ति को भारत लाने के सभी खर्च वहन करने का भी आश्वासन दिया है। अगले एक महीने के भीतर यह मूर्ति तमिलनाडु लाई जाएगी।

चोरी का मामला
2020 में तमिलनाडु आइडल विंग ने तंजावुर जिले के सुंदरराजा पेरुमल मंदिर से 1957 और 1967 के बीच चार कीमती मूर्तियों की चोरी के मामले में जांच शुरू की थी। इन मूर्तियों को तस्करों ने अवैध रूप से बेचकर विदेशों में पहुंचा दिया था।

विदेशी संग्रहालयों में मिली मूर्तियां
जांच के दौरान विंग ने पता लगाया कि तिरुमंगई अलवर की मूर्ति 1967 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एशमोलियन संग्रहालय द्वारा खरीदी गई थी। वहीं, सुंदरराजा पेरुमल मंदिर में अब इन मूर्तियों की प्रतिकृतियां पूजा के लिए इस्तेमाल हो रही हैं, जबकि असली मूर्तियां विदेशी संग्रहालयों में हैं।

भारत के प्रयास रंग लाए
तमिलनाडु पुलिस और आइडल विंग की अथक कोशिशों से यह संभव हो सका है। अधिकारियों ने बताया कि मूर्ति को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

यह घटना भारत की सांस्कृतिक धरोहर को वापस लाने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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