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कार्यक्रम की मुख्य बातें
- राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण
- दिव्यांगजनों के लिए काम करने वाले 19 संगठनों को सम्मानित किया गया।
- ये संगठन दिव्यांगजनों के अधिकारों और उनके पुनर्वास के लिए कार्य कर रहे हैं।
- 46 मेधावी छात्रों को सम्मान
- हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 46 दिव्यांग छात्रों को सम्मानित किया गया।
- ‘ओ लेवल’ कंप्यूटर कोर्स पूरा करने वाले 28 छात्रों को भी विशेष पुरस्कार दिया गया।
- टेबलेट वितरण
- 324 दिव्यांग छात्रों को टेबलेट दिए गए।
- सरकार का लक्ष्य इस साल 3,363 छात्रों को टेबलेट प्रदान करना है।
- सहायक उपकरण वितरण
- दिव्यांगजनों को व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र और अन्य उपकरण प्रदान किए गए।
- दिव्यांग पेंशन में बढ़ोतरी
- पेंशन राशि ₹300 से बढ़ाकर ₹1,000 प्रति माह कर दी गई।
- कुष्ठावस्था पेंशन भी ₹2,500 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति माह कर दी गई।
- बचपन डे केयर सेंटर का विस्तार
- 2017 में 10 केंद्र थे, अब इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है।
- हर जिले में ऐसे केंद्र खोलने का लक्ष्य है।
- शादी प्रोत्साहन योजना
- नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों को ₹35,000 की सहायता राशि दी जा रही है।
- शादी के पंजीकरण की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
- कॉक्लियर इम्प्लांट योजना
- सुनने की क्षमता सुधारने के लिए ₹6 लाख की सहायता दी जा रही है।
- पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की योजना
- ग्रामीण और शहरी इलाकों में आय सीमा ₹1 लाख तक बढ़ाई गई है।
- अब तक 49,409 लोगों को ₹98.82 करोड़ की सहायता राशि दी जा चुकी है।
- दिव्यांग विश्वविद्यालय
- उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां दो दिव्यांग विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
सरकार की उपलब्धियां
- दिव्यांग सशक्तिकरण में अग्रणी: योजनाओं से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।
- आर्थिक सहायता और सुरक्षा: पेंशन और शादी प्रोत्साहन योजना में वृद्धि से आर्थिक स्थिरता मिली है।
- शिक्षा और तकनीकी विकास: टेबलेट वितरण और विशेष विद्यालयों ने दिव्यांग छात्रों की शिक्षा को नया आयाम दिया है।
योगी सरकार की यह पहल दिव्यांगजनों के लिए समाज में एक नई पहचान और अवसरों का द्वार खोल रही है।